सोलन, 27 नवंबर (हि.स.)। जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में सामने आए सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार मामले में हुई गिरफ़्तारी से प्रदेश भर में हड़कंप मचा गया है। बद्दी में कारवाई अमल में लाने के साथ ही सोलन, शिमला तथा चंडीगढ़ में भी दोषी अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी करते हुए नकदी व दस्तावेज बरामद कर सीबीआई ने कब्जे में लिए हैं ।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफओ) कार्यालय बद्दी जिला सोलन में भ्रष्टाचार मामले में बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने रीजनल पीएफ कमिश्नर बद्दी, एनफोर्समेंट ऑफिसर तथा एक कंसल्टेंट (प्राइवेट पर्सन) सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अनुसार, रीजनल पीएफ कमिश्नर रवि आनंद और एनफोर्समेंट ऑफिसर मदन लाल पर शिकायतकर्ता से दस लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप है। इन दोनों अधिकारियों ने रिश्वत की रकम कंसल्टेंट संजय कुमार यादव के माध्यम से डिमांड की थी।
सीबीआई को बीते 23 नवंबर को शिकायत की गई थी, जिसके पश्चात जांच एजेंसी ने 24 नवंबर को एनफोर्समेंट अधिकारी सहित कंसल्टेंट के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच को आगे बढ़ाते हुए मामले की जांच की गई। जांच में रीजनल कमिश्रर का नाम भी इस मामले में सामने आया । गौरतलब है किसीबीआई ने तीनों आरोपियों को बीते रविवार को ही हिरासत में ले लिया था। लेकिन सभी पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद ही बुधवार को हुई है।
फर्म से पीएम मामले को निपटाने के लिए मांगी रिश्वत
सोलन जिला के प्रवेश द्वार परवाणू स्थित एमएस सतोल कैमिकल यूनिक-2 फर्म ने सीबीआई को शिकायत दी थी जिसमें आरोप लगाया गया कि एनफोर्समेंट ऑफिसर ने फर्म के पीएफ मामले को निपटाने के लिए रिश्वत मांगी है । फर्म का पीएफ मामला ईपीएफओ कार्यालय बद्दी के पास लंबित है। आरोप है कि पैसा नहीं देने पर फर्म मालिक को 45-50 लाख रुपए का भुगतान करने की धमकी दी गई थी।
इसकी सूचना केंद्रीय जांच एजेंसी को दी गई, जिसने जाल बिछाकर आरोपियों की धरपकड़ करते हुए रिश्वत की रकम लेते वक्त रंगे हाथ दबोचा है ।
सीबीआई ने बुधवार दोपहर बाद तीनों आरोपियों को स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को 30 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।
शिकायतकर्ता कम्पनी हैंड वॉश, लिक्वेड सोप और फ्लोर क्लिनर निर्माताइस मामले में शिकायतकर्ता ने सीबीआई को बताया कि साल 2019 में ईपीएफओ ने फर्म को पीएफ मामले में एक नोटिस दिया था। जिसके बाद इस मामले में पांच साल तक नाहन व बद्दी ईपीएफओ ऑफिस द्वारा उन्हें बार-बार दफ्तर बुलाया गया। जो दस्तावेज अधिकारियों ने मांगे, वह उपलब्ध कराए गए थे । वर्तमान में यह मामला एनफोर्समेंट ऑफिसर मदन लाल भाटी देख रहे थे। पांच साल से लंबित मामले को उन्होंने जल्द निपटाने का आग्रह किया, तो मदन लाल भाटी ने कंसलटेंट के जरिए मामला निपटाने को कहा, जिसके बाद कंसलटेंट संजय यादव ने दस लाख की रिश्वत देने की बात कही थी । साथ ही कहा गया कि रिश्वत नहीं देने पर पीएफ रिकवरी के तौर पर 40 से 50 लाख रुपए वसूली विभाग द्वारा की जाएगी ।