नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज 1984 सिख विरोधी दंगों के जनकपुरी से जुड़े मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में अभियोजन पक्ष के गवाह और इंस्पेक्टर सतीश कुमार का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया गया। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को करने का आदेश दिया।
आज सतीश कुमार के क्रॉस-एग्जामिनेशन के अलावा इस मामले के जांच अधिकारी एसीपी अनिल कुमार का भी बयान दर्ज होना था लेकिन एसीपी अनिल कुमार अपने घरेलू कारणों से अवकाश पर थे। उसके बाद कोर्ट ने एसीपी अनिल कुमार और पंजाब में पदस्थ न्यायिक अधिकारी बलविंदर कौर धालीवाल का बयान दर्ज करने के लिए 4 दिसंबर की तिथि नियत करने का आदेश दिया।
18 अक्टूबर को कोर्ट ने सीबीआई को और गवाहों के बयान दर्ज कराने की अनुमति दी थी। सात अक्टूबर को एक गवाह का बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दर्ज किया गया था। इसके पहले 27 अगस्त को दो गवाहों कंवलजीत कौर और डॉ. सतबीर बेदी के बयान दर्ज किए थे। 19 जुलाई को गवाह तेजेंद्र सिंह के बयान दर्ज किए गए थे। इसके पहले 11 जनवरी को गवाह हरजीत कौर के बयान दर्ज किए गए थे। सात दिसंबर 2023 को दो गवाहों तिलक राज नरुला और इंद्रजीत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए थे। नौ नवंबर 2023 को गवाह मंजीत कौर ने अपने बयान दर्ज कराए। अपने बयान में मंजीत कौर ने कहा कि मैंने भीड़ के लोगों से सुना था कि सज्जन कुमार भीड़ में शामिल थे, लेकिन सज्जन कुमार को आंखों से नहीं देखा था। कोर्ट ने 12 अकटूबर 2023 को दो गवाहों के बयान दर्ज किए थे। 21 सितंबर 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या के आरोपी से जुड़े गैरजरूरी दस्तावेजों और गवाहों के बयान को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दिया था।
23 अगस्त 2023 को कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया था। कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 153A, 295, 149, 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। हालांकि कोर्ट ने एसआईटी द्वारा सज्जन कुमार के खिलाफ लगाई गई हत्या की धारा 302 को हटाने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि सज्जन कुमार इस केस में हिरासत में नहीं हैं, सज्जन कुमार इस मामले में जमानत पर हैं।
मामला जनकपुरी का है। दरअसल 1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह को एक नवंबर, 1984 की हत्या हुई थी। जबकि विकासपुरी पुलिस स्टेशन के इलाके में गुरचरण सिंह को जला दिया गया जिसकी वजह से उनकी मौत हुई थी। इन दोनों मामलों मे 2015 में एसआईटी ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसके लिए मई 2018 में सज्जन कुमार का पॉलीग्राफ भी किया जा चुका है।