कठुआ 25 नवंबर (हि.स.)। एसडीएम हीरानगर राकेश शर्मा ने सोमवार को मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ संजीव राय गुप्ता के साथ भारत-पाक सीमा से सटे सीमावर्ती इलाकों का दौरा किया।
यात्रा का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में किसानों को रबी सीजन 2024-25 के लिए गेहूं की खेती के तहत अधिक भूमि लाने के लिए प्रोत्साहित करना और सीमा पर अप्रयुक्त भूमि का उपयोग करने के लिए प्रेरित करना था। दौरे के दौरान अधिकारियों ने मनियारी, कडयाला और गुजनाल गांवों के किसानों से बातचीत की। एसडीएम हीरानगर ने इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहली बार मनियारी बॉर्डर आउट पोस्ट में बॉर्डर बुआई की जाएगी। जिसमें लगभग 6000 कनाल अप्रयुक्त भूमि में से कुल 2400 कनाल भूमि पर खेती की जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत-पाक सीमा से सटे सीमावर्ती इलाकों के किसानों की इस जमीन को गेहूं की खेती के तहत लाया जाएगा।
मुख्य कृषि अधिकारी कठुआ ने किसानों को पूर्ण तकनीकी सहायता का आश्वासन देते हुए कहा कि हम राजस्व अधिकारियों के साथ समन्वय में उन किसानों की पहचान कर रहे हैं जिनके पास बाड़ के पार जमीन है और खाली जमीन को खेती के तहत लाने के लिए उन्हें सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा सीमा चैकी मनियारी में सीमा सुरक्षा बल के द्वितीय कमान अधिकारी रवींद्रन ने कृषक समुदाय को बीएसएफ के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने किसानों को पराली जलाने से बचने, भूमि की तैयारी के दौरान सीमा स्तंभों को पार नहीं करने और सीमा पार अजनबियों के साथ बातचीत करने से परहेज करने की भी सलाह दी। गौरतलब है कि पिछले साल रबी 2023-24 सीजन के दौरान अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ चक चंगा, करोल कृष्णा, करोल मैथ्रेयां और चन्न टांडा गांवों के 70 किसानों की 300 एकड़ भूमि पर गेहूं की बुआई की गई थी, जिससे लगभग 90 लाख रुपये का राजस्व उत्पादन हुआ। 2019 से कृषि विभाग सीमावर्ती क्षेत्रों में किसानों का समर्थन करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है, उन्हें हर मौसम में अनुपयोगी भूमि पर खेती करने के लिए प्रेरित कर रहा है। यह पहल भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कृषि उत्पादकता और किसानों की आजीविका में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।