भारत के मुख्य न्यायाधीश पद से रिटायर होने के बाद डीवाई चंद्रचूड़ की भूमिका पर बहस छिड़ गई है. पूर्व सीजेआई ने इस बहस पर विराम लगाते हुए साफ कर दिया है कि वह राजनीति में नहीं आएंगे. मीडिया एजेंसी के कॉन्क्लेव में उनसे सवाल पूछा गया कि वह राजनीति में कब आएंगे?
इसके जवाब में चंद्रचूड़ ने कहा कि 65 साल की उम्र में वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिससे उनके काम और न्यायिक व्यवस्था की अखंडता पर संदेह हो. पूर्व सीजेआई से पूछा गया कि क्या जजों को रिटायरमेंट के बाद राजनीति में आना चाहिए? जवाब में उन्होंने कहा, संविधान या कानून में ऐसा करने पर कोई रोक नहीं है. हमारा समाज पूर्व न्यायाधीशों को कानून के संरक्षक के रूप में देखता है। उनकी जीवनशैली समाज के नियमों के अनुरूप होनी चाहिए। पूर्व सीजेआई ने कहा कि जजों को ट्रोलिंग को लेकर बहुत सावधान रहना होगा. कोर्ट के फैसले को बदलने की कोशिश कर रहे हैं ट्रोलर्स पूर्व सीजेआई ने कहा कि किसी विशेष मामले में रुचि रखने वाले विशेष हित वाले समूह सोशल मीडिया के जरिए उस मामले के नतीजे को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं. न्यायाधीशों को इससे सावधान रहने की जरूरत है। आज यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 20 सेकंड के वीडियो के आधार पर राय बना लेते हैं, जो एक बड़ा जोखिम है।