पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने राजभवन में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपने कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर शनिवार (23 नवंबर) को अपनी प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर वृक्षारोपण एवं कला प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इसके अलावा ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूली बच्चों ने भाग लिया. इस मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है. इसे लेकर लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं. कई लोगों ने कहा कि राज्यपाल अपनी महिमा में व्यस्त हैं.
वीडियो वायरल होते ही तृणमूल निशाने पर आ गई
सीवी आनंद बोस की प्रतिमा के अनावरण का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसे लेकर तृणमूल (TMC) ने कहा, ‘हमने ऐसा पहले कभी नहीं सुना. वह प्रसिद्धि का भूखा है. अब आगे क्या होगा? क्या वह अपनी मूर्ति को हार पहनाएगा? अब उन्हें भी नेकलेस पहनना चाहिए.’
तृणमूल प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘राज्यपाल मुगल की तरह काम कर रहे हैं.’ इसके अलावा सीपीएम सेंट्रल कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा, ‘यह बहुत अपमानजनक है. यह भी हमारे राज्य का दुर्भाग्य है. बंगाल की संस्कृति के साथ भी गंदा खेल खेला जा रहा है.’
सूत्रों के मुताबिक पार्थ साहा नामक कलाकार ने राज्यपाल को यह प्रतिमा भेंट की है. उन्होंने राज्यपाल की तस्वीर के आधार पर फाइबर की यह मूर्ति बनाई है. वह कभी भी राज्यपाल से व्यक्तिगत रूप से नहीं मिले। राज्यपाल कार्यालय ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपनी प्रतिमा स्वयं नहीं बनाई बल्कि एक कलाकार ने इसे प्रस्तुत किया है। जब टीएमसी ने इस पर आपत्ति जताई और कहा, ‘राज्यपाल जीवित रहते हुए खुद को महिमामंडित करने के लिए अपनी मूर्ति लगवा रहे हैं.’