नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए माफ़ी आवेदन की समयसीमा एक साल कम कर दी है। ऐसे में अब करदाताओं को (आईटीआर) में देरी के लिए ‘विलंब माफ़ी’ दाखिल करने के लिए सिर्फ़ पाँच साल का समय मिलेगा। आपको बता दें कि यह समयसीमा पहले 6 साल थी। दरअसल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में यह नई गाइडलाइन जारी की है, जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो गई है।
‘विलंब की क्षमा’ क्या है?
दरअसल, करदाताओं के लिए ‘देरी माफी’ आवेदन एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया मानी जाती है। इस प्रक्रिया के तहत करदाता पुराने आयकर रिफंड का दावा करते हैं या पिछले वर्षों में हुए घाटे को आने वाले वर्षों में सेट-ऑफ करते हैं। यह आवेदन तब किया जाता है जब आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि बहुत पहले समाप्त हो चुकी होती है।
ध्रुव एडवाइजर्स के पार्टनर संदीप भल्ला ने ईटी ब्यूरो को बताया, “नए सर्कुलर के मुताबिक, अगर 1 अक्टूबर 2024 से पहले आवेदन किया जाता है तो पुरानी समय सीमा (6 साल) का पालन किया जाएगा। लेकिन, 1 अक्टूबर 2024 के बाद किए गए आवेदन पर 5 साल की समयसीमा ही लागू होगी।”
आयकर रिफंड और विलम्ब माफी आवेदन की स्थिति
टैक्सस्पैनर डॉट कॉम के सीईओ सुधीर कौशिक के अनुसार, “हालांकि, कोर्ट के आदेश पर आयकर रिफंड के मामलों में यह समय सीमा लागू नहीं होगी। इन मामलों में आवेदन केवल 6 महीने के भीतर ही करना होगा, जो उस महीने के अंत से होगा जिसमें कोर्ट द्वारा आदेश जारी किया गया है।”
आवेदन कैसे करें
आयकर पोर्टल पर ऑनलाइन ‘विलंब माफी’ के लिए आवेदन करने के लिए सबसे पहले अपने अकाउंट में लॉग इन करें। फिर ‘सेवा’ टैब पर क्लिक करें और ‘माफी अनुरोध’ चुनें। इसके बाद आवेदन करने के लिए आवश्यक जानकारी भरें जैसे कारण, मूल्यांकन वर्ष, आईटीआर फाइल, दावा मूल्य आदि और ‘सबमिट’ पर क्लिक करें। आवेदन को सत्यापित करने के अंतिम चरण पर भी ध्यान दें।