Office Timings Chamge: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सख्ती लगातार बढ़ती जा रही है । इस बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को अपने कर्मचारियों के लिए काम के घंटों में बदलाव किया है। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक, केंद्र ने दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए अपने कर्मचारियों के लिए अलग-अलग काम के घंटों की घोषणा की।
कार्यालय समय में परिवर्तन
इस आदेश में कहा गया है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संगठनों के कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक और सुबह 10 बजे से शाम 6.30 बजे तक खुले रह सकते हैं।
सार्वजनिक परिवहन के लिए सलाह
आदेश में कहा गया है कि अधिकारी/कर्मचारी अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल कम करें और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। साथ ही वाहन पूलिंग का सहारा लेने और यथासंभव सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।
दरअसल, केंद्रीय सचिवालय संघ ने खतरनाक प्रदूषण स्तर के बीच कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए डीओपीटी से तत्काल कार्रवाई की अपील की थी, जिसमें…
1- दिल्ली-एनसीआर में स्थित सभी केंद्रीय सरकारी दफ्तरों को घर से काम (WFH) या अलग-अलग समय पर काम करने की अपील की गई। दफ्तर में एयर प्यूरीफायर लगाने की बात कही गई।
2. सभी अधिकारियों को एन95 मास्क दिए जाने की बात कही गई।
3. कहा गया कि इससे कारपूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
4. नियमित स्वास्थ्य जांच और जागरूकता के लिए कहा गया।
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। इसके तहत CAQM (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) ने GRAP नियमों में संशोधन किया है।
अब GRAP के तीसरे और चौथे चरण के लागू होने पर स्कूलों की भौतिक कक्षाएं बंद करना अनिवार्य हो गया है। पहले ऐसा करने या न करने का अधिकार राज्य सरकार के पास था। बदले हुए नियमों के अनुसार, जब GRAP-III लागू होगा, तो कक्षा 5 तक की भौतिक कक्षाएं बंद हो जाएंगी। यानी तब पढ़ाई ऑनलाइन होगी।
वहीं, GRAP-IV लागू होने पर 10वीं तक की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में शिफ्ट हो जाएगी। यानी उस क्लास तक के छात्रों को स्कूल नहीं जाना पड़ेगा। अभी तक नियम यह था कि राज्यों को यह तय करना होता था कि स्कूल खोलने हैं या ऑनलाइन मोड में क्लास चलानी है।