Govt Stake Banks: वित्त मंत्रालय बेचने जा रहा है इन बैंकों की हिस्सेदारी, देखें लिस्ट में कौन-कौन से नाम हैं?

Bank Working Rules

सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी: सरकार चार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। सरकार की योजना सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों के तहत इन बैंकों में अल्पमत हिस्सेदारी बेचने की है। रॉयटर्स ने एक सरकारी सूत्र का हवाला देते हुए दावा किया है कि आने वाले महीनों में भारत सरकार का वित्त मंत्रालय सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक में हिस्सेदारी कम करने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मांग सकता है।

किस बैंक में सरकार की कितनी हिस्सेदारी है?

बीएसई की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर के अंत तक भारत सरकार के पास सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 93 फीसदी से ज्यादा, इंडियन ओवरसीज बैंक में 96.4 फीसदी, यूको बैंक में 95.4 फीसदी और पंजाब एंड सिंध बैंक में 98.3 फीसदी हिस्सेदारी है। रॉयटर्स ने यह भी दावा किया कि योजना के तहत ओपन मार्केट में ऑफर फॉर सेल के जरिए हिस्सेदारी बेचने पर विचार किया जा रहा है। आपको बता दें कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा सूचीबद्ध कंपनियों में 25 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारिता अनिवार्य है। लेकिन सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों को अगस्त 2026 तक इन नियमों को पूरा करने से छूट दी गई है।

हिस्सेदारी कब तक बेची जाएगी?

हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई कि सरकार सेबी द्वारा तय समय सीमा के भीतर बैंक के शेयर बेचेगी या इस नियम की समयसीमा बढ़ाने के लिए और समय मांगेगी? नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि बिक्री का समय और राशि बाजार की स्थिति के आधार पर तय की जाएगी। वित्त मंत्रालय की ओर से भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।

इन बैंकों ने क्यूआईपी के जरिए जुटाया पैसा

हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पूंजी जुटाने के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) शुरू किया है। इससे सरकारी बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी कम हो गई है। आपको बता दें कि सितंबर महीने में पंजाब नेशनल बैंक ने QIP के ज़रिए 50 अरब रुपए जुटाए थे। इसके अलावा अक्टूबर में बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र ने QIP के ज़रिए 35 अरब रुपए जुटाए थे।