आयकर विभाग इन लोगों पर लगाएगा 10 लाख रुपये का जुर्माना, ये गलती छिपाना पड़ेगा भारी

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आयकर विभाग ने चेतावनी दी है कि आयकर रिटर्न में विदेश में स्थित संपत्ति या विदेश में अर्जित आय का खुलासा न करने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। कालाधन निरोधक कानून के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह इसलिए भी याद दिलाया जा रहा है क्योंकि देर से और संशोधित आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है।

आयकर विभाग ने अनुपालन-सह-जागरूकता अभियान के तहत शनिवार को करदाताओं के लिए सार्वजनिक परामर्श पत्र जारी किया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि करदाता इस साल आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में ऐसी सूचनाएं दर्ज करें और किसी भी तरह की जानकारी न छिपाएं।

परामर्श पत्र में दी गई जानकारी

परामर्श पत्र में स्पष्ट किया गया है कि भारत के कर निवासियों के लिए पिछले वर्ष कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसके तहत अगर वे तय किए गए किसी कर संबंधी काम में शामिल रहे हैं तो भारत में कर देनदारी बनेगी और इसे आईटीआर में शामिल करना जरूरी है। जानिए इसमें क्या-क्या शामिल है-

विदेशी संपत्ति-आय का खुलासा न करने पर लगेगा जुर्माना

विदेशी परिसंपत्तियों में बैंक खाता, नकद मूल्य बीमा अनुबंध या वार्षिक अनुबंध, किसी इकाई या व्यवसाय में वित्तीय हित, अचल संपत्ति, इक्विटी और ऋण हित, ट्रस्ट जिसमें व्यक्ति ट्रस्टी है, सेटलर्स लाभार्थी, हस्ताक्षर प्राधिकरण वाले खाते, संरक्षक खाता, विदेश में रखी गई कोई पूंजीगत लाभ वाली परिसंपत्ति आदि शामिल हैं।

जानकारी कैसे भेजी जाएगी?

सीबीडीटी ने कहा था कि अभियान के तहत वह सबसे पहले उन निवासी करदाताओं को एसएमएस और ईमेल भेजेगा, जिन्होंने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए अपना आईटीआर पहले ही दाखिल कर दिया है। यह संचार ऐसे करदाताओं को भेजा जाएगा, जिनकी पहचान द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के तहत प्राप्त सूचनाओं के जरिए की गई है।

विदेशी सम्पत्तियों के बारे में जानकारी छिपाना अपराध है

आयकर विभाग ने कहा कि इस मानदंड के अंतर्गत आने वाले करदाताओं को अपने आईटीआर में अनिवार्य रूप से विदेशी संपत्ति-विदेशी संपत्ति (एफए) या विदेशी स्रोत से आय (एफएसआई) अनुसूची भरनी होगी। ऐसे लोगों की आय उनकी कर योग्य सीमा से कम हो सकती है या विदेश में संपत्ति किसी घोषित स्रोत से अर्जित की गई हो। आईटीआर में विदेशी संपत्ति/आय का खुलासा न करने पर काला धन और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है।