New Vande Bharat train: नए साल 2025 से कश्मीर जाना और आसान होने जा रहा है. भारतीय रेलवे पर्यटकों के लिए इसे और आसान बनाने जा रहा है. क्योंकि देश के सबसे चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण कटरा से श्रीनगर के बीच टी-1 सुरंग की बाधाएं दूर हो गई हैं. जल्द ही रेल रूट पर रेल सेवा शुरू हो जाएगी. ऐसे में अब दिल्ली और कन्याकुमारी सीधे श्रीनगर से जुड़ जाएंगे. जानकारी के मुताबिक रेलवे का लक्ष्य इस प्रोजेक्ट को 31 दिसंबर तक पूरा करना है, ताकि जनवरी में इस रूट पर दिल्ली से सीधी ट्रेनें चल सकें. रेलवे नई दिल्ली और श्रीनगर के बीच वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू करने पर विचार कर रहा है. पीएम मोदी गणतंत्र दिवस पर इस प्रोजेक्ट का शुभारंभ कर सकते हैं. इसे लेकर पीएमओ से चर्चा की जा रही है.
इन शहरों से गुजरेगी, इतना होगा किराया
जानकारी के मुताबिक इस वंदे भारत ट्रेन का स्टॉप अंबाला कैंट, लुधियाना, जम्मू तवी और श्री माता वैष्णो देवी कटरा जैसे प्रमुख स्टेशनों तक ही सीमित रहेगा। नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 13 घंटे से भी कम समय में 800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। यह नई दिल्ली से शाम 7 बजे रवाना होगी और सुबह 8 बजे श्रीनगर पहुंचेगी। वंदे भारत स्लीपर में यात्रियों की हर श्रेणी के लिए किराया तय किया गया है। थर्ड एसी के लिए 2,000 रुपये, सेकंड एसी के लिए 2,500 रुपये और फर्स्ट क्लास के लिए 3,000 रुपये किराया तय किया गया है।
ट्रेन में यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
इस ट्रेन को यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस ट्रेन में आधुनिक सुविधाएं होंगी। इसमें अपग्रेडेड बर्थ, बेहतर लाइटिंग और जलवायु नियंत्रित वातावरण शामिल हैं। माना जा रहा है कि वंदे भारत स्लीपर शुरू होने से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल यह ट्रेन नई दिल्ली और श्रीनगर के बीच चलेगी, लेकिन बाद में इस सेवा को बारामुल्ला तक बढ़ाने की भी योजना है। इस विस्तार से उत्तरी कश्मीर में कनेक्टिविटी और बेहतर होगी, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए यात्रा आसान हो जाएगी।
सबसे कठिन कटरा-बनिहाल 111 किलोमीटर रेल ट्रैक तैयार
श्रीनगर तक रेल संपर्क स्थापित होते ही रेल यातायात और वीवीआईपी मूवमेंट बढ़ जाएगी। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल संपर्क में सबसे कठिन कटड़ा-बनिहाल 111 किलोमीटर लंबा रेल रूट तैयार हो चुका है। इसमें कटड़ा रिहायशी इलाके के बीच 3.2 किलोमीटर टी-1 सुरंग का काम भी शामिल है। यह सुरंग जिस आकार में बन रही थी, उस आकार में नहीं बन पा रही थी। इसके लिए विदेशी विशेषज्ञों की मदद ली गई थी। अब इसकी बाधाएं दूर हो गई हैं। जानकारी के अनुसार यह प्रोजेक्ट अब अपने अंतिम चरण में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मिलते ही रेलवे की ओर से इस प्रोजेक्ट के उद्घाटन की तिथि की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी।
272 किलोमीटर लंबे रेल रूट प्रोजेक्ट का काम अब अपने अंतिम चरण में है। 111 किलोमीटर लंबे कटरा से बनिहाल सेक्शन पर काम चल रहा है। इस पर आर्च ब्रिज बनाया गया है। यह रेल सेक्शन प्रोजेक्ट का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा था। यहां पहाड़ी इलाके में 97 फीसदी ट्रैक सुरंगों या पुलों से होकर गुजरता है। रियासी और रामबन जिलों की पहाड़ियों में सुरंग बनाने का काम बेहद मुश्किल था।
दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब पुल बनाया गया
इस परियोजना में दुनिया का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज भी शामिल है। परियोजना में कुल 38 सुरंगें हैं। इसमें सबसे बड़ी सुरंग 12.75 किलोमीटर लंबी है। इसमें 927 पुल भी हैं, जिनमें चिनाब ब्रिज भी शामिल है। इसकी लंबाई 1375 मीटर, आर्चर की लंबाई 467 मीटर और ऊंचाई 359 मीटर है। एफिल टॉवर से करीब 35 मीटर ऊंचे इस पुल को सबसे ऊंचा आर्चर ब्रिज माना जाता है।
इन ट्रेनों के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही 32 ट्रेनें (अप-डाउन) ट्रैक पर दौड़ाई जाएंगी. इसके तहत ट्रेन संख्या 12425/26 नई दिल्ली से जम्मू तवी, 12445/46 नई दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटरा, 16031/32 चेन्नई सेंट्रल से माता वैष्णो देवी कटरा, 11449/50 जबलपुर से माता वैष्णो देवी कटरा, 16787/88 तिरुनेलवेली माता वैष्णो देवी कटरा से, 16317/18 कन्याकुमारी से माता वैष्णो देवी तक कटरा, 19803/04 कोटा से माता वैष्णो देवी कटरा, 12331/32 हावड़ा से जम्मू तवी और सात अन्य ट्रेनें शामिल हैं।