पेंशनर्स टैक्स डिडक्शन: केंद्रीय वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाकर करदाताओं को बड़ी राहत दी है। बजट में नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाकर 75000 रुपये सालाना कर दी गई है, जो पहले 50000 रुपये सालाना थी। साथ ही नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इसके अलावा बजट 2024 में बड़े ऐलान के साथ ही सरकारी पेंशनर्स के लिए एक और ऐलान भी किया गया है।
बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने फैमिली पेंशन पर टैक्स छूट की सीमा बढ़ा दी है। फैमिली पेंशन पर छूट को 15000 रुपये सालाना से बढ़ाकर 25000 रुपये करने का प्रस्ताव किया गया है, यानी पेंशन से होने वाली कमाई पर फैमिली पेंशन लेने वाले पेंशनर्स 25000 रुपये तक टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। जो पेंशनर्स के लिए बड़ी राहत भरी खबर है।
पारिवारिक पेंशन क्या है?
किसी सरकारी कर्मचारी को उसकी सेवानिवृत्ति के बाद पूरे जीवन के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि को पेंशन कहा जाता है। इसी तरह पारिवारिक पेंशन वह पेंशन है जो किसी सरकारी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु के बाद उसके परिवार को दी जाती है। वहीं अगर किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है और उसे पेंशन या भत्ता मिलता रहा है तो सरकार पारिवारिक पेंशन देती है।
किस सदस्य को पारिवारिक पेंशन मिलती है?
2004 तक के सरकारी नियमों के अनुसार, मृतक कर्मचारी की विधवा या विधुर को तब तक पारिवारिक पेंशन दी जाती है जब तक कि वह दोबारा शादी नहीं कर लेता। अगर मृतक कर्मचारी की कोई विधवा या विधुर नहीं है, तो यह उस कर्मचारी पर निर्भर बच्चों को दी जाती है, जिनकी उम्र 25 साल से कम है।
पारिवारिक पेंशन कितनी दी जाती है?
पेंशन नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारी के मूल वेतन के 30% की दर से पारिवारिक पेंशन दी जाती है। लेकिन यह 3500 रुपये प्रति माह से कम नहीं हो सकती। अविवाहित बेटे की पारिवारिक पेंशन 25 वर्ष की आयु तक या उसकी शादी होने या कमाई शुरू करने तक दी जाती है।