स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हजारों साल पुराना शहर दाहोद आधुनिक विकास की ओर अग्रसर

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अहमदाबाद, 18 नवंबर (हि.स.)। गुजरात के दाहोद जिले में भारत के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत महत्वपूर्ण प्रगति देखी गई है। भारत सरकार द्वारा जून 2015 में शुरु किए गए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना, जीवन स्तर और सतत विकास को लेकर कई काम किए जा रहे हैं। इस मिशन के तहत भारत में 100 चयनित शहरों में से 6 गुजरात के हैं जिनमें अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, गांधीनगर और दाहोद शहर शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी मिशन के लिए दाहोद शहर को तीसरे फेज में चुना गया था।

राज्य सूचना विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत दाहोद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (डीएससीडीएल) द्वारा दाहोद शहर में 121 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर विकसित किया गया है, साथ ही दाहोद के नागरिकों के दिल में विशेष स्थान रखने वाली ऐतिहासिक सिद्धराज जयसिंह छाब झील को भी 120.87 करोड़ रुपये की लागत से पुन:विकसित किया है।

भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत तीसरे फेज में दाहोद को स्मार्ट सिटी के रूप में चुने जाने के बाद, 19 दिसम्बर 2017 को कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत दाहोद स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड (डीएससीडीएल) की स्थापना की गई। डीएससीडीएल को दाहोद में स्मार्ट सिटी परियोजनाओं की देखरेख और प्रबंधन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत डीएससीडीएल द्वारा अति आधुनिक आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर युक्त से दाहोद के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ाने और शहर के विकास में सहयोग के लिए स्थापित किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 13 पर शहर से 13 किमी. दूर दाहोद कलेक्टर कार्यालय में स्थित जी+3 भवन में क्लाउड बेस्ड डिजास्टर रिकवरी के साथ यह अति आधुनिक डेटा सेंटर मौजूद है। इसके ऑपरेशनल एरिया में मौजूद 7×4 वीडियो वॉल से 25 ऑपरेटर्स अलग-अलग शिफ्ट में पूरे शहर की निगरानी करते हैं।

121 करोड़ रुपये की लागत से बने इस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को शहर के आईटी नर्व सेंटर के रूप में कार्य करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो पुलिस और यातायात प्रबंधन जैसे विभागों की कार्य कुशलता को बेहतर करने में मदद करता है। इस प्रोजेक्ट के तहत लगाए गए व्यापक सीसीटीवी नेटवर्क की मदद से, दाहोद पुलिस को शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने, अपराधों का समाधान करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में काफी मदद मिल रही है।

इस कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के तहत शहर में कई स्मार्ट एनोवेशन शुरू किए गए हैं। इसमें शहर निगरानी प्रणाली के तहत सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार के लिए, डीएससीडीएल ने दाहोद में रणनीतिक रूप से चयनित 79 स्थानों पर 388 हाई-डेफिनेशन सर्विलांस कैमरा लगाए हैं, जिनमें आईपी पीटीजेड, बुलेट और डोम कैमरे भी शामिल हैं। इसके बाद स्मार्ट पोल्स हैं, जिसके तहत दाहोद में स्थापित किए गए प्रत्येक स्मार्ट पोल में स्मार्ट स्ट्रीट लाइट्स, वाई-फाई, निगरानी कैमरे, पर्यावरणीय सेंसर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और आपातकालीन कॉल बॉक्स जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियां मौजूद हैं। इसके बाद यातायात प्रबंधन को शामिल किया गया है, जिसमें दाहोद का संपूर्ण यातायात प्रबंधन प्रणाली ट्रैफिक वायलेशन डिटेक्शन सिस्टम (टीवीडीएस), 79 एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नेशन), 38 रेड लाइट्स और 6 स्पीड वायलेशन कैमरे और 13 प्रमुख चौराहों पर एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस) से युक्त है। यह प्रणाली रियल-टाइम में यातायात की स्थिति को समायोजित करके सड़क सुरक्षा और यातायात प्रवाह को संचालित करती है। इसके अलावा शहर भर में पांच इंटरएक्टिव कियोक्श भी स्थापित किए गए हैं, जो निवासियों को स्मार्ट सिटी पहलों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। दाहोद में विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं पर 10 टेलीमेडिसिन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो दूरस्थ चिकित्सा सहायता और आपातकालीन सेवाएं प्रदान करते हैं। स्मार्ट कचरा प्रबंधन : जीपीएस-सक्षम वाहनों, आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वेन्सी आइडेन्टीफिकेशन), टैग किए गए डिब्बे और रियल टाइम अपडेटेड सिस्टम के साथ एक स्मार्ट कचरा प्रबंधन प्रणाली को पूरे शहर में संचालित किया गया है। ई-जीआईएस प्रणाली : यह जीआईएस-आधारित प्रणाली सभी स्मार्ट सिटी तत्वों का मानचित्रण करती है, जिससे स्थान-विशिष्ट डेटा के माध्यम से शहरी प्रबंधन और विश्लेषण को बेहतर बनाया जाता है।

दाहोद में प्रवेश करते ही छाब झील इस शहर की प्रमुख पहचान के रूप में दिखाई देती है। यह झील सोलंकी राजा सिद्धराज जयसिंह द्वारा विक्रम संवत 1093 में बनाई गई थी। यह झील उस समय खुदाई करने के लिए ‘छाब’ (बास्केट) का इस्तेमाल करने वाले सैनिकों द्वारा बनाई गई थी, ताकि अभियान के दौरान पानी उपलब्ध हो सके।

हाल ही में डीएससीडीएल द्वारा पुनर्विकसित की गई यह झील अब एक जीवंत मनोरंजन स्थल बन गई है। यहां 2.5 किमी. लंबी जॉगिंग और साइक्लिंग ट्रैक, एक एम्फीथियेटर, नौका विहार सुविधाएं, योग केंद्र और हरियाली से सजे बागीचे स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चों के खेलने के लिए प्ले एरिया, खुले जिम, जल शोधन और एरिएशन सिस्टम्स, 360 केवी का एक सौर संयंत्र, एक फूड कोर्ट और एक शिल्प बाजार की भी सुविधा मौजूद है।