भारतीय शेयर बाजार आज यानी सोमवार 18 नवंबर को रेड जोन में बंद हुआ। सुबह भी बाजार गिरावट के साथ खुला। आज सेंसेक्स 0.27 फीसदी गिरकर 77,371.93 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 0.34 फीसदी गिरकर 23,453.80 पर बंद हुआ।
सप्ताह के पहले कारोबारी सत्र में इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसे आईटी शेयरों में भारी गिरावट के साथ भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ। हालांकि आईटी को छोड़कर ज्यादातर सेक्टर में बढ़त देखी गई, लेकिन आईटी शेयरों में बिकवाली से बाजार दबाव में आ गया। आज के कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 241 अंक टूटकर 77,371 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 79 अंक टूटकर 23,465 अंक पर बंद हुआ।
बढ़ते और गिरते शेयर
आज के कारोबार में सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 14 शेयर बढ़त के साथ बंद हुए, जबकि 16 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। निफ्टी के 50 शेयरों में से 21 बढ़त के साथ और 29 गिरावट के साथ बंद हुए। बढ़त वाले शेयरों में टाटा स्टील, नेस्ले इंडिया, एचयूएल, एसबीआई, जेएसडब्ल्यू स्टील, अदानी पोर्ट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति सुजुकी, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस और एशियन पेंट्स शामिल हैं। जबकि टीसीएस, इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक गिरावट के साथ बंद हुए।
फ़ील्ड अद्यतन!
आज के कारोबार में बैंकिंग, ऑटो, एफएमसीजी, मेटल, रियल एस्टेट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर के शेयरों में बढ़त देखी गई, जबकि आईटी, हेल्थकेयर, ऑयल एंड गैस, एनर्जी, मीडिया और फार्मा सेक्टर के शेयरों में बिकवाली देखी गई। आज के कारोबार के दौरान निफ्टी मिडकैप इंडेक्स सपाट जबकि निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुआ।
भारतीय शेयर बाज़ार में गिरावट क्यों आई?
भारतीय शेयर बाजार की गिरावट में आईटी शेयरों ने बड़ी भूमिका निभाई है. निफ्टी आईटी इंडेक्स एक समय 1200 अंक से ज्यादा टूट गया था और इंडेक्स 2.22 फीसदी गिरकर बंद हुआ था। निफ्टी आईटी इंडेक्स में शामिल सभी 10 स्टॉक गिरावट के साथ बंद हुए, जिनमें इंफोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा, विप्रो और एलटीआई माइंडट्री और एचसीएल टेक शामिल हैं। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा है कि केंद्रीय बैंक को ब्याज दरों में कटौती के लिए जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। उनके इस बयान से अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयर लुढ़क गए और इसका असर भारतीय आईटी शेयरों पर भी पड़ा। दरअसल, भारतीय आईटी कंपनियों के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है।
कंपनियों के निराशाजनक तिमाही नतीजों के अलावा विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भी बाजार को नीचे लाने में भूमिका निभाई। सितंबर के आखिरी हफ्ते से शुरू हुई एफआईआई की बिकवाली जारी है।