भोपाल, 16 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार मेलों और उत्सव संस्कृति को प्रोत्साहित करेगी। प्राचीन मेले हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। भोपाल का अपना गौरवशाली इतिहास है। भोपाल में राजा भोज द्वारा निर्मित विशाल सरोवर भी है। सम्राट विक्रमादित्य से भी इस क्षेत्र का संबंध रहा है। तीर्थ मेला प्राधिकरण के माध्यम से मेलों के आयोजन को बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार देर शाम भोपाल के टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में भोपाल मेले का शुभारंभ कर संबोधिम कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेले के आयोजन से संबंधित सुझावों पर राज्य सरकार द्वारा आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन में शिक्षा ग्रहण की। भगवान श्रीराम ने चित्रकूट में लम्बा समय व्यतीत किया। लोकमाता अहिल्या देवी ने उस दौर में जब मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा था, देव स्थान संस्कृति को स्थापित किया। वीरांगना रानी दुर्गावती का शौर्य, किसी से भी कम नहीं था। उन्होंने निरंतर 51 युद्ध जीते थे और आखिरी 52वें युद्ध में विपरीत परिस्थतियां बन जाने पर पराजय स्वीकार करने की जगह आत्म बलिदान करना उचित समझा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसे राष्ट्रभक्तों और कुशल शासकों का इतिहास समेटे मध्य प्रदेश में अनेक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को समृद्ध और गौरवशाली इतिहास की जानकारी दी जाती है। मेले और उत्सव आमजन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति से लेकर गुड़ी पड़वा, रक्षाबंधन, विजयदशमी पर शस्त्र पूजन और गोवर्धन पूजा जैसे कार्यक्रम सरकार और समाज ने मिलकर मनाए हैं। सरकार आगे भी ऐसे महत्वपूर्ण आयोजनों में सहभागिता करेगी। इस अवसर पर सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, भोपाल की महापौर मालती राय, नगर निगम भोपाल के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, गोविंद गोयल आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव, शंख वादन की ध्वनियों के बीच जनप्रतिनिधियों के साथ गणेश वंदना में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने आकाश में गुब्बारे छोड़कर मेले का शुभारंभ किया। भोपाल उत्सव मेला समिति के अध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल ने स्वागत भाषण में कहा कि मेले में व्यापारी बंधु लाभ-हानि की चिंता किए बिना नागरिकों के हित में सहभागिता करते हैं। अग्रवाल ने मेले से संबंधित कुछ सुझाव भी दिए। यह मेला टीटी नगर स्थित दशहरा मैदान में 31 दिसंबर 2024 तक चलेगा।