आज के समय में पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन एक आम समस्या बनती जा रही है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि लगभग 30 से 50 प्रतिशत पुरुष अपने जीवन में कभी न कभी इस समस्या का सामना करते हैं। यह समस्या आमतौर पर उम्र के साथ बढ़ती है, लेकिन युवा पुरुषों में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में क्या आप भी जोखिम में हैं? आइए यहां जानें-
आयु
इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का सबसे बड़ा कारण उम्र है। यह समस्या 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों में अधिक आम है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हार्मोन का स्तर और रक्त संचार क्षमता कम हो जाती है, जिससे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो सकता है।
चिकित्सा का इतिहास
मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी चिकित्सा स्थितियाँ स्तंभन दोष के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। विशेष रूप से, मधुमेह वाले पुरुषों में स्तंभन दोष का लगभग 50 प्रतिशत जोखिम होता है।
हर समय तनाव में रहना
तनाव, चिंता और अवसाद भी स्तंभन दोष के प्रमुख कारण हैं। मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, जिससे यौन प्रदर्शन में कमी आ सकती है।
दवाई का दुरूपयोग
धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के जोखिम से जुड़ा हुआ है। ये आदतें रक्त संचार में बाधा उत्पन्न करती हैं, जिससे यौन क्रिया प्रभावित होती है।
मोटापा
मोटापा भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन का एक महत्वपूर्ण कारक है। दरअसल, ज़्यादा वज़न होने से शरीर में हॉर्मोनल असंतुलन होता है और इससे यौन क्रिया में कमी आ सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि मोटे पुरुषों में सामान्य वज़न वाले पुरुषों की तुलना में ईडी का जोखिम ज़्यादा होता है।