रिफाइंड चावल और गेहूं के आटे की जगह खाएं मल्टीग्रेन, मिलेंगे ये फायदे

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मल्टीग्रेन्स के फायदे: मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अक्सर मल्टीग्रेन्स खाने की सलाह दी जाती है। डॉक्टर लोगों को मल्टीग्रेन्स खाने के लिए कहते हैं। मल्टीग्रेन्स शरीर की बढ़ी हुई शुगर को पूरी तरह से घोलकर शरीर से बाहर निकाल देते हैं। मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, जै चोकर और जौ जैसे अनाज खाने से आपको कुछ ही दिनों में इसके फायदे दिखने लगेंगे।

मल्टीग्रेन्स के लाभ
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. अमित कुमार मल्टीग्रेन के फायदे बताते हुए कहते हैं, ‘मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, चोकर और जौ शामिल हैं। इन अनाजों को अपने आहार में शामिल करने से आपको तुरंत असर देखने को मिलता है। मोटे अनाज की बाहरी परत को चोकर कहते हैं। चोकर में फाइबर अधिक होता है, जो आसानी से पचता नहीं है। इसके अलावा, बाजरे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, यानी इनके सेवन से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता और वजन को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।

मल्टीग्रेन  आटा रागी, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, ओट्स, मक्का, गेहूं जैसे कई अनाजों से बनता है। इसमें इन सभी अनाजों के पोषक तत्व होते हैं, जो संतुलित आहार के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। मल्टीग्रेन आटे में गेहूं के आटे से ज़्यादा पोषण होता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर और दूसरे सूक्ष्म पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को पूरा पोषण देते हैं।

डॉ. अमित कुमार ने कहा, “शोध से यह साबित हो चुका है कि मल्टीग्रेन आटा पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें मौजूद फाइबर अच्छे आंत बैक्टीरिया को पोषण देता है, जिससे पाचन प्रक्रिया बेहतर होती है और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।”

मल्टीग्रेन आटा वजन घटाने में भी कारगर साबित होता है  । इसमें खासतौर पर रागी, ज्वार और बाजरा जैसे ग्लूटेन-फ्री अनाज होते हैं, जो वजन घटाने और भूख को दबाने में मदद करते हैं। बाजरे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, इसलिए बाजरे से बना मल्टीग्रेन आटा उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिन्हें ज्यादा गर्मी के कारण जोड़ों में दर्द या सूजन की समस्या होती है।