बस्तर जिले के कलेक्टर ने किया तीन धान खरीदी केंद्राें का किया औचक निरीक्षण

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जगदलपुर, 15 नवंबर (हि.स.)। बस्तर जिले के कलेक्टर हरिस एस ने आज शुक्रवार काे जगदलपुर विकासखंड के दो उपार्जन केंद्र मंगडु कचोरा, बुरुंदवाडा सेमरा और बकावण्ड विकासखंड के एक खरीद केंद्र छोटे देवड़ा का औचक निरीक्षण किए। इस दौरान कलेक्टर ने धान बेचने और टोकन कटवाने पहुंचे किसानों से फसल की पैदावार, गत वर्ष कितना धान का विक्रय किए के संबंध में चर्चा किए।

उन्होंने नए-पुराने बारदाना की उपलब्धता, बारदाना की गुणवत्ता सहित माइश्चर मापक यंत्र, इलेक्ट्रानिक कांटा, विद्युत व्यवस्था, चाैकीदार की व्यवस्था, सतत निगरानी हेतु सीसीटीवी की व्यवस्था का जायजा लिया। इसके अलावा चेक लिस्ट के आधार संबंधित केंद्र के अधिकारियों से सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान टोकन कटवाने पहुंचे किसान का ऑनलाइन टोकन कटवाने की कार्यवाही करवाकर टोकन भी प्रदान किए। खरीदी केंद्र में उपलब्ध बारदाना का भी उन्होंने अवलोकन किया। साथ ही किसानों द्वारा लाए धान की माइश्चर की भी अपने समक्ष जांच भी करवाई और बोरा में भरे धान की इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन में माप करवाई।इस अवसर पर खाद्य अधिकारी राठौर, सीसीबी के रजा, डीएमओ श्री ध्रुव उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि राज्य में समर्थन मूल्य पर धान की खरीद 14 नवंबर आज से प्रारंभ हो गई है, प्रदेश के किसानों से धान खरीद की योजना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमेट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा। इसके लिए एक सप्ताह पूर्व से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बड़े कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी। धान खरीद अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीद केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है। खरीद केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रॉनिक कांटा-बांट की व्यवस्था की गई है। खरीद केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये है। सभी खरीद केंद्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्पलाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं।