धमतर, 15 नवंबर (हि.स.)। सिख समाज के प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी का प्रकाश पूरब पर्व 15 नवंबर को उत्साह के साथ मनाया गया। इस खास अवसर पर गुरूद्वारे में दिनभर शबद-कीर्तन गूंजता रहा। गुरू का दर्शन-आशीर्वाद पाने लोग गुरूद्वारे पहुंचते रहे।
गुरूसिंग सभा हाल में शुक्रवार सुबह से ही शबद-कीर्तन का दौर शुरू हो गया। सुबह से रागी जत्था के कलाकारों ने गुरु के वचनों का संगीत के माध्यम से वर्णन किया। सुबह से लेकर शाम तक गुरू का आशीर्वाद पाने के लिए लोग गुरूद्वारे में पहुंचते रहे। गुरु ने दिया अंधकार से प्रकाश में जाने का संदेश: रागी जत्था के कलाकारों ने शबद कीर्तन के माध्यम से कहा कि गुरु नानक देव ने आजीवन जरुरतमंदों की सहायता की। गुरु उस दीये के समान है, जो अंधेरे को दूर कर प्रकाश फैलाता है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर हम भी अंधकार से प्रकाश की ओर जा सकते हैं। इसलिए उनके बताए सच्चाई के मार्ग पर चलें। जीवन में हर किसी को जीवन में गुरु की आवश्यकता होती है। गुरु के बताए मार्ग पर चलकर ही किसी का जीवन धन्य हो सकता है। बुराई का रास्ता छोड़कर सच्चाई के मार्ग पर चलें। इसके पूर्व 13 नवंबर को शहर में नगर कीर्तन के साथ आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई। समाज के युवाओं ने आकर्षक हैरत अंगेज कार्यक्रम की प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाज के अध्यक्ष जगजीवन सिंघ सिध्दू, सचिव जसपाल सिंघ छाबड़ा, मीत प्रधान रजिन्दर सिंघ छाबड़ा, गुरप्रीत सिंघ मान, गुरप्रीत सिंघ गाले, मनदीप सिंघ खनूजा, हरमिंदर सिंघ छाबड़ा, अमरजीत सिंघ खालसा, प्रीतपाल छाबड़ा, सतपाल सिंघ अजमानी, मनदीप ढिल्लन, ममता खालसा, जसविंदर सिंघ बग्गा, संदीप सिंघ तलूजा सहित अन्य उपस्थित थे।