8वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है. 8वें वेतन आयोग में उनका फिटमेंट फैक्टर बढ़ सकता है. कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन की गणना फिटमेंट फैक्टर के आधार पर होती है. 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, अभी यह फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है. हालांकि, 8वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 2.86 गुना किया जा सकता है. नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (JCM) के सचिव (कर्मचारी पक्ष) शिव गोपाल मिश्रा ने इसके संकेत दिए हैं.
एक न्यूज चैनल से बातचीत में शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि वेतन और पेंशन में संशोधन के अगले दौर के लिए “कम से कम 2.86” का फिटमेंट फैक्टर अपेक्षित है। उन्होंने कहा, “हम कम से कम 2.86 के फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि ऐसा संशोधन 10 साल में एक बार ही होता है। 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद हम इसकी मांग करेंगे।”
फिटमेंट फैक्टर क्या है?
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन तय करने में फिटमेंट फैक्टर सबसे अहम भूमिका निभाता है। कर्मचारियों की कुल सैलरी की गणना उनके बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर से गुणा करके की जाती है। उदाहरण के लिए, अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है, तो भत्ते छोड़कर उसकी कुल सैलरी की गणना करने के लिए उसे फिटमेंट फैक्टर से गुणा किया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर फिटमेंट फैक्टर अभी 2.57 गुना है, तो कर्मचारी की सैलरी 20,000 रुपये x 2.57 = 51,400 रुपये होगी।
ऐसे में जाहिर सी बात है कि अगर फिटमेंट फैक्टर बढ़ता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी भी बढ़ेगी और उन्हें सीधा फायदा मिलेगा। केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से फिटमेंट फैक्टर बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
8वां वेतन आयोग कब बनेगा?
फिलहाल इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। आम तौर पर 10 साल में एक बार वेतन आयोग का गठन किया जाता है। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और रिटायर लोगों के वेतन और पेंशन में बदलाव के लिए सिफारिशें करता है। आखिरी वेतन आयोग यानी 7वें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में तत्कालीन मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने किया था।