जयपुर, 14 नवंबर(हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने सीनियर मेडिकल ऑफिसर को दी गई तीन वर्षीय वेतन वृद्धि की रिकवरी करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, स्वास्थ्य निदेशक और राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. यश दशोरा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता हरेंद्र नील ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता साल 2015 में मेडिकल ऑफिसर नियुक्त हुआ था। वहीं अक्टूबर, 2022 को उसे सीनियर मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदोन्नत किया गया। याचिका में कहा गया कि आरयूएचएस ने अपने अधीन स्थापित सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान में मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ का दो साल का कोर्स निकाला। जिसमें याचिकाकर्ता ने प्रवेश लेकर गत दिनों यह कोर्स पूरा किया। वहीं इससे पूर्व राज्य सरकार ने 26 जुलाई, 2023 को एक अधिसूचना जारी कर प्रावधान किया कि सीनियर मेडिकल ऑफिसर और उससे वरिष्ठ अधिकारी चिकित्सा या सर्जरी की किसी शाखा में मास्टर डिग्री या समकक्ष डिप्लोमा करते हैं तो उन्हें तीन वार्षिक वेतन वृद्धि का दी जाएगी। याचिका में बताया गया कि इस अधिसूचना की पालना में गत 12 सितंबर को याचिकाकर्ता को तीन वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ दिया गया। वहीं बाद में 25 अक्टूबर को आदेश जारी कर 12 सितंबर के आदेश को रद्द कर दिया गया। इसके साथ ही इस आदेश के तहत दी गई राशि की रिकवरी निकाल दी। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को तीन वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नियमानुसार दिया गया था। इसके अलावा उस पर कार्रवाई करने से पूर्व उसे पक्ष रखने का मौका भी नहीं दिया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगते हुए याचिकाकर्ता से की जा रही रिकवरी पर रोक लगा दी है।