नई दिल्ली: खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 6.21 प्रतिशत हो गई. जो पिछले 14 महीने में सबसे ज्यादा है. सितंबर में खुदरा महंगाई दर 5.49 फीसदी दर्ज की गई. अक्टूबर, 2023 में खुदरा महंगाई दर 4.87 फीसदी थी. बता दें कि सितंबर, 2023 से खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी से कम थी. अगस्त, 2023 में खुदरा महंगाई दर 6.83 दर्ज की गई.
उल्लेखनीय है कि आरबीआई अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति तय करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर विचार करता है। केंद्र सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत की छूट के साथ) पर रखने का लक्ष्य दिया है।
अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 9.69 फीसदी हो गई है. जो सितंबर में 9.24 फीसदी थी. ग्रामीण महंगाई भी सितंबर में 5.87 फीसदी से बढ़कर 6.68 फीसदी हो गई है.
शहरी महंगाई दर पिछले महीने के 5.05 फीसदी से बढ़कर 5.62 फीसदी हो गई है. ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई दर 10.69 फीसदी और शहरी इलाकों में 11.09 फीसदी रही है.
खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि सब्जियों, फलों और तेल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है। पूरे महीने टमाटर, प्याज और आलू की कीमतें ऊंची रहीं। प्याज की कीमतें 40-60 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलो हो गईं.
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के मुताबिक, आरबीआई फरवरी 2025 से ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। खुदरा महंगाई दर बढ़ने से फिलहाल ब्याज दरों में कटौती की संभावना नहीं है.
वहीं, केंद्र सरकार की ओर से आज जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर आधारित औद्योगिक उत्पादन 3.1 फीसदी बढ़ गया है. अगस्त, 2023 में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि शून्य से 0.1 फीसदी नीचे रही.
खनन, विनिर्माण और बिजली उत्पादन जैसे क्षेत्रों में अच्छे प्रदर्शन के कारण सितंबर में औद्योगिक उत्पादन में तेजी आई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में खनन क्षेत्र में 0.2 प्रतिशत, विनिर्माण क्षेत्र में 3.9 प्रतिशत और बिजली क्षेत्र में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।