प्रत्यक्ष कर संग्रह: भारत सरकार का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की तुलना में 15.4 प्रतिशत बढ़कर 12.1 ट्रिलियन रुपये (143 अरब डॉलर) हो गया। 1 अप्रैल से 10 नवंबर की अवधि के दौरान इस संग्रह के बारे में जानकारी देते हुए, आयकर विभाग ने कहा कि प्रत्यक्ष कर, जिसमें कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत कर शामिल हैं, इस अवधि के दौरान सकल आधार पर 21 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 15 ट्रिलियन रुपये हो गया। आयकर विभाग ने यह भी कहा कि उसने 2.9 ट्रिलियन रुपये (2.92 लाख करोड़ रुपये) का कर रिफंड जारी किया है। यह सालाना आधार पर 53 प्रतिशत का उछाल है।
चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर बजट
खबरों के मुताबिक प्रत्यक्ष कर संग्रह में 5.10 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कॉर्पोरेट कर और 6.62 लाख करोड़ रुपये का गैर-कॉर्पोरेट कर शामिल है। 35,923 करोड़ रुपये के अन्य कर संग्रहित किए गए। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर से 22.12 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने का बजट रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
प्रत्यक्ष कर एक प्रकार का कर है जो सीधे करदाता पर लगाया जाता है और जिस व्यक्ति पर यह लगाया जाता है वह इसे सीधे सरकार को देता है। प्रत्यक्ष कर वह कर है जिसे करदाता किसी और पर नहीं डाल सकता।
10 वर्षों में 182% प्रत्यक्ष कर संग्रह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल में प्रत्यक्ष कर संग्रह में 182 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में व्यक्तिगत आयकर संग्रह लगभग चार गुना बढ़कर 10.45 लाख करोड़ रुपये हो गया है। मोदी सरकार के पहले साल 2014-15 में प्रत्यक्ष कर संग्रह लगभग 6.96 लाख करोड़ रुपये था। इसमें लगभग 4.29 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स और 2.66 लाख करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर शामिल था। दाखिल किए गए आयकर रिटर्न (संशोधित रिटर्न सहित) की संख्या वित्त वर्ष 2014-15 में 4.04 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 8.61 करोड़ से अधिक हो गई।