महिलाएं इन 4 जगहों पर निवेश करके पा सकती हैं बेहतर रिटर्न और बचा सकती हैं इनकम टैक्स

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हर व्यक्ति अधिक लाभ कमाने के लिए निवेश करता है। निवेश ही एकमात्र ऐसा तरीका है जिसके जरिए आप अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। आजकल ऐसी कई योजनाएं हैं जो आपके निवेश पर बेहतर रिटर्न देती हैं और इनकम टैक्स भी बचाती हैं। लेकिन अगर आप मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इस निवेश में अपनी पत्नी को भी शामिल करें। ऐसी कई योजनाएं हैं जिनमें आप अपनी पत्नी की मदद से बहुत अधिक लाभ कमा सकते हैं। अगली स्लाइड्स में जानें इसके बारे में

डाकघर एमआईएस

पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में एकमुश्त रकम निवेश करनी होती है. निवेश पर ब्याज मिलता है. 5 साल बाद जमा की गई मूल रकम आपको वापस कर दी जाती है. फिलहाल इस स्कीम पर 7.4 फीसदी का ब्याज मिल रहा है. इस स्कीम में सिंगल और ज्वाइंट अकाउंट के लिए डिपॉजिट की अलग-अलग सीमा तय की गई है. सिंगल अकाउंट में अधिकतम 9,00,000 रुपये और ज्वाइंट अकाउंट में अधिकतम 15,00,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं. साफ है कि अगर आप अपनी पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट खोलते हैं तो ज्यादा जमा कर पाएंगे और ज्यादा कमाई कर पाएंगे. अगर आप अकाउंट में 9,00,000 रुपये जमा करते हैं तो 7.4 फीसदी ब्याज दर से हर महीने 5,550 रुपये तक कमा सकते हैं. वहीं अगर आप अपनी पत्नी के साथ ज्वाइंट POMIS अकाउंट खोलते हैं और उसमें 15,00,000 रुपये जमा करते हैं तो हर महीने अधिकतम 9,250 रुपये कमा सकते हैं.

सावधि जमा

5 साल से कम अवधि वाले एफडी से होने वाली आय को टैक्सेबल माना जाता है. जब फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज से होने वाली आय तय सीमा से ज्यादा होती है तो उसमें से टीडीएस काटा जाता है. लेकिन आप चाहें तो अपनी पत्नी की मदद से इस टैक्स को बचा सकते हैं. नियम के मुताबिक, अगर एफडी पर ब्याज से होने वाली आय 40,000 रुपये सालाना से ज्यादा है तो उस पर टीडीएस काटा जाता है. अगर आपकी आय टैक्स ब्रैकेट में आती है, लेकिन आपकी पत्नी हाउसवाइफ हैं तो आप अपनी पत्नी के नाम पर एफडी कराकर टीडीएस चुकाने से बच सकते हैं. हाउसवाइफ पर टैक्स नहीं लगता है. वहीं अगर आपकी पत्नी लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती हैं तो भी आप उनके नाम पर एफडी कराकर टीडीएस कटौती को रोक सकते हैं. इसके लिए आपकी पत्नी को फॉर्म 15जी भरना होगा. आप चाहें तो अपनी पत्नी के नाम पर ज्वाइंट एफडी भी करा सकते हैं, लेकिन इसमें आपको अपनी पत्नी को पहला होल्डर बनाना होगा.

गृह ऋण

होम लोन बेशक लोन है लेकिन इसे एक अच्छा लोन इसलिए माना जाता है क्योंकि आप इसे प्रॉपर्टी में निवेश करने के लिए लेते हैं और समय के साथ प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ती जाती है। जब आप अपनी पत्नी को सह-आवेदक बनाकर ज्वाइंट होम लोन लेते हैं तो आपको कई फायदे मिलते हैं। पहला फायदा यह है कि लोन थोड़ा सस्ता पड़ता है। आमतौर पर अगर महिला सह-आवेदक है तो कर्जदाता करीब 0.05 फीसदी (5 बेसिस प्वाइंट) कम ब्याज दर देते हैं। इसके अलावा अगर आपकी पत्नी और आप दोनों कमाते हैं तो लोन की रकम की सीमा भी बढ़ जाती है।

संयुक्त गृह ऋण कर लाभ

पत्नी के साथ ज्वाइंट होम लोन लेकर आप इनकम टैक्स का भी जबरदस्त फायदा उठा सकते हैं। इससे टैक्स बेनिफिट दोगुना हो जाता है। दरअसल ज्वाइंट होम लोन के लिए आवेदन करने पर लोन लेने वाले दोनों व्यक्ति अलग-अलग इनकम टैक्स बेनिफिट का लाभ उठा सकते हैं। लेकिन यह लाभ तभी मिलेगा जब दोनों आवेदक प्रॉपर्टी के मालिक भी हों। पत्नी के साथ ज्वाइंट होम लोन लेने पर आपको टैक्स में दोगुना फायदा मिलेगा। मूलधन पर आप दोनों 80सी के तहत 1.5-1.5 लाख रुपये यानी कुल 3 लाख रुपये क्लेम कर सकते हैं। वहीं, ब्याज पर दोनों सेक्शन 24बी के तहत 2-2 लाख रुपये का टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं। इस तरह आप कुल 7 लाख रुपये तक का टैक्स बेनिफिट पा सकते हैं। हालांकि, यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि आपका होम लोन कितना है।

पीपीएफ

पीपीएफ एक बहुत ही लोकप्रिय योजना है। इस योजना के जरिए आप लंबी अवधि में अच्छी रकम बचा सकते हैं और इनकम टैक्स भी बचा सकते हैं। नियमों के मुताबिक, एक व्यक्ति अपने नाम पर सिर्फ एक ही पीपीएफ अकाउंट खोल सकता है और इसमें सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं। पीपीएफ में ज्वाइंट अकाउंट खोलने का भी विकल्प नहीं है। लेकिन अगर आपकी पत्नी और पति दोनों कमाते हैं तो दोनों अपने नाम से अलग-अलग अकाउंट खोल सकते हैं। इस तरह पति-पत्नी दोनों सालाना 1.5-1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं और उस पर अलग-अलग ब्याज पा सकते हैं। इस तरह उनकी निवेश सीमा और ब्याज दोनों को दोगुना किया जा सकता है। फिलहाल पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी तय है। इसके अलावा पीपीएफ में 80सी के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है। इस निवेश को EEE कैटेगरी में रखा गया है। इसका मतलब है कि आपका निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी राशि तीनों ही पूरी तरह टैक्स फ्री हैं। इस पर क्लबिंग के प्रावधानों का कोई असर नहीं पड़ता है।