एयरपोर्ट पर महंगे नाश्ते के चलते सरकार बनाएगी इकॉनमी जोन, अब 200 रुपए की चाय 50 रुपए में मिलेगी

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एयरपोर्ट पर अब खाने-पीने का सामान भी सस्ते दामों पर मिलेगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) इसके लिए एयरपोर्ट पर इकोनॉमी जोन बनाने की तैयारी कर रही है। इससे अब आप कम दामों में चाय पी सकेंगे। साथ ही नाश्ता भी कर सकेंगे। इस इकोनॉमी जोन में सस्ती चाय, पानी, नाश्ता मिलेगा। हालांकि यहां रेस्टोरेंट की तरह बैठने की व्यवस्था नहीं होगी। यात्री यहां से खाने-पीने का सामान सस्ती दर पर खरीद सकेंगे। एएआई के अधिकारियों का कहना है कि यहां खाने-पीने का सामान करीब 60-70 फीसदी सस्ता मिलेगा। अभी एयरपोर्ट पर एक चाय करीब 125 से 200 रुपये में मिलती है। लेकिन इकोनॉमी जोन में यह 50-60 रुपये के बीच मिलेगी।

इन इकॉनमी जोन में आप काउंटर से उसी तरह खाना ले सकेंगे, जैसे आप मॉल के फूड जोन में जाकर खाना लेते हैं। हालांकि मॉल में खाना लेने के बाद आप वहीं बैठकर खाने का लुत्फ उठा सकते हैं, जो एयरपोर्ट पर संभव नहीं होगा। लोगों को अपना खाना पैक कराकर अपने साथ ले जाने की ऑन द गो सुविधा देने की भी तैयारी चल रही है। दरअसल, महंगा खाना एयरपोर्ट पर अतिरिक्त बोझ डालता है और यात्री कई बार इसकी शिकायत भी कर चुके हैं।

अर्थव्यवस्था क्षेत्र कब तैयार होंगे?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू कई दौर की बैठकें कर चुके हैं। इस पर काम शुरू करने के लिए आम सहमति बन गई है। एएआई और एयरपोर्ट पर खाना परोसने वाले दूसरे आउटलेट्स के साथ-साथ नई एजेंसियों से चर्चा कर ऐसे जोन बनाने की तैयारी की जाएगी। यह योजना सबसे पहले नए बनने वाले एयरपोर्ट पर लागू की जाएगी। उन्हें उसी हिसाब से डिजाइन किया जाएगा। इसके बाद बाकी एयरपोर्ट पर इको जोन के लिए जगह का चयन किया जाएगा और फिर ऐसे जोन विकसित करने की तैयारी शुरू की जाएगी।

10 रुपए का समोसा 100 रुपए में मिल रहा है

देश के सभी एयरपोर्ट पर इस समय 10 रुपये का समोसा 100 रुपये में मिल रहा है। जिसकी वजह से आम आदमी एयरपोर्ट पर खाने का लुत्फ नहीं उठा पा रहा है। लेकिन केंद्र सरकार अब आम यात्रियों के लिए एयरपोर्ट पर बेहतर खाने-पीने की व्यवस्था करने जा रही है। अब जल्द ही एयरपोर्ट पर खाने-पीने की चीजें किफायती दामों पर मिलेंगी।

क्षमता कितनी होगी?

सूत्रों के मुताबिक, इन जोन क्षेत्रों को लेकर अभी कोई नियम तय नहीं किए गए हैं। यह एयरपोर्ट के आकार और विमानों व यात्रियों की संख्या के हिसाब से तय किया जाएगा। छोटे और मध्यम एयरपोर्ट पर ऐसी जगह बनाई जाएगी, जिसमें 6-8 दुकानें हों और प्रति घंटे कम से कम 200 यात्रियों को संभालने की क्षमता हो।