गांधीनगर समाचार: भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, गुजरात के संसाधनों की लूट, सरकारी खजाने में चोरी, कदाचार वर्ग एक-दो अधिकारी के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन गंगा जल में एक और नया पहलू जुड़ गया है। समय से पहले सेवानिवृत्ति की प्रक्रिया में पहली बार ‘अक्षम’ यानी बार-बार निर्देश, नोटिस और फटकार के बाद भी काम कुशलता से नहीं करने या सौंपे गए काम नहीं करने वाले अधिकारियों को घर भेज दिया गया है। ऐसे दो क्लास वन, आईटीआई प्राचार्यों को सेवानिवृत्ति से छह-सात साल पहले श्रम एवं रोजगार विभाग ने एक साथ निलंबित कर दिया था।
गुजरात सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन गंगाजल में दो और अधिकारियों की जबरन सेवानिवृत्ति के बाद ऐसे भ्रष्ट, अक्षम और राज्य के हित में नहीं रहने वाले अधिकारियों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। श्रम एवं रोजगार विभाग ने गुरुवार देर रात भिलोडा आईटीआई के प्रिंसिपल भरत धनाभाई रावल और सूरत आईटीआई के प्रिंसिपल हसमुख नानजी काकड़िया को तत्काल प्रभाव से समय से पहले सेवानिवृत्ति लेने का आदेश दिया।