Family Pension Rules: कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर! पारिवारिक पेंशन नियमों में बदलाव! विभाग ने जारी किया नया आदेश

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सरकारी कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर। केंद्र सरकार ने एक बार फिर पेंशन नियमों में बदलाव किया है। इस संबंध में पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद बेटियों का नाम पारिवारिक रिकॉर्ड से नहीं हटा सकते।

आदेश में साफ निर्देश दिए गए हैं कि बेटी परिवार को मिलने वाली पेंशन की हकदार हो या न हो, लेकिन अब बेटी का नाम पारिवारिक पेंशन के पात्र सदस्यों की सूची से नहीं हटाया जा सकता। अगर परिवार पेंशन का हकदार नहीं भी है तो भी कर्मचारी अपनी बेटियों का नाम रिकॉर्ड से नहीं हटा सकते। इसके अलावा विभाग ने एक्स्ट्राऑर्डिनरी पेंशन (ईओपी) के तहत मिलने वाले सभी रिटायरमेंट लाभों को जल्द से जल्द सख्ती से जारी करने के निर्देश दिए हैं।

पेंशन नियम क्या कहता है?

डीओपीपीडब्ल्यू की ओर से जारी ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि पेंशन प्रारूप में बेटी को भी सरकारी कर्मचारी के परिवार का सदस्य माना गया है। इसलिए परिवार के सदस्यों की सूची में बेटी का नाम भी शामिल किया जाना चाहिए। केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार, अगर परिवार में सौतेली और गोद ली हुई बेटियों के अलावा अविवाहित, विवाहित और विधवा बेटियां हैं, तो उन सभी का नाम इसमें शामिल किया जाना चाहिए। एक बार सरकारी कर्मचारी द्वारा जमा किए गए फॉर्म 4 में नाम दिए जाने के बाद, बेटी को परिवार के आधिकारिक सदस्य के रूप में गिना जाता है।

पारिवारिक पेंशन क्या है, पहला अधिकार किसका है?

किसी भी सरकारी कर्मचारी के परिवार को उसकी मृत्यु के बाद एक धनराशि दी जाती है, जिसे पारिवारिक पेंशन कहते हैं। इस पेंशन में कर्मचारी अपने परिवार के सदस्यों का नाम दर्ज कराता है, ताकि उसकी मृत्यु के बाद भी उसके परिवार को आर्थिक सहायता मिलती रहे। अगर घर में कोई बच्चा दिव्यांग है, तो उसे पेंशन पाने का पहला अधिकार दिया जाएगा। इसके अलावा बेटी (मानसिक या शारीरिक दिव्यांगता से पीड़ित के अलावा) तब तक इसे पा सकती है, जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती या वह आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो जाती।

पारिवारिक पेंशन के लिए मुख्य बिंदु

लंबित तलाक या कानूनी कार्यवाही: तलाक की कार्यवाही में शामिल महिला सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी, या जिन्होंने अपने पति के खिलाफ प्रासंगिक सुरक्षात्मक अधिनियमों के तहत मामला दर्ज किया है, वे अपनी मृत्यु की स्थिति में अपने बच्चों को पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए औपचारिक रूप से अनुरोध कर सकती हैं।

पारिवारिक पेंशन संवितरण आदेश: यदि महिला की मृत्यु के समय कोई पात्र बच्चा मौजूद नहीं है, तो पारिवारिक पेंशन जीवित विधुर को देय होगी। यदि नाबालिग बच्चे या विकलांग बच्चे मौजूद हैं, तो पेंशन शुरू में विधुर को मिलेगी, बशर्ते वह बच्चे का अभिभावक बना रहे। यदि विधुर अभिभावक नहीं रह जाता है, तो पेंशन का भुगतान कानूनी अभिभावक के माध्यम से किया जाएगा। ऐसे बच्चे जो वयस्क हो चुके हैं, लेकिन पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र हैं, उनके लिए पेंशन सीधे उनके खाते में स्थानांतरित कर दी जाएगी। जब सभी पात्र बच्चे नियम 50 के तहत अर्हता प्राप्त करना बंद कर देते हैं, तो पारिवारिक पेंशन विधुर को उसकी मृत्यु या पुनर्विवाह तक वापस मिल जाती है।