सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार नियुक्ति के स्रोत के आधार पर न्यायाधीशों के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (5 नवंबर) को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि जिला न्यायपालिका से पदोन्नत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बार से नियुक्त न्यायाधीशों के समान सेवा शर्तों के हकदार होंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान नियुक्ति के स्रोत के आधार पर हाई कोर्ट के जजों के बीच भेदभाव नहीं करता है.

पटना हाई कोर्ट के जजों के लंबित वेतन से जुड़े मामले की सुनवाई

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लंबित वेतन जारी करने से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि जिला अदालतों से उच्च न्यायालय में भर्ती होने वाले न्यायाधीश बार से पदोन्नत न्यायाधीशों के समान ही पेंशन और सभी लाभ के हकदार होंगे। पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति किसी भी स्रोत से किये जाने से उनके पद पर कोई असर नहीं पड़ेगा.