आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास खाने के लिए समय कम और सुविधाजनक विकल्प ज्यादा हैं। ऐसे में पैकेज्ड फूड और स्नैक्स की मांग तेजी से बढ़ी है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 38 फीसदी लोग अपनी भूख मिटाने के लिए पैकेज्ड, नमकीन और ऑयली स्नैक्स जैसे अनहेल्दी फूड का सेवन कर रहे हैं। अमेरिका के इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IFPRI) की ओर से जारी ‘ग्लोबल फूड पॉलिसी रिपोर्ट 2024: हेल्दी डाइट एंड न्यूट्रिशन’ में ये चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 16.6% आबादी कुपोषण से पीड़ित है, जिसका मुख्य कारण खराब खान-पान है। 10 में से 4 भारतीय अस्वास्थ्यकर पैकेज्ड भोजन खा रहे हैं, जबकि केवल 2 लोग 5 अनुशंसित खाद्य समूहों का सेवन कर रहे हैं। इनमें स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थ, सब्जियाँ, फल, दालें और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे नट्स शामिल हैं।
अतिरिक्त चीनी, वसा और सोडियम
पैकेज्ड फूड और स्नैक्स में अक्सर चीनी, वसा और सोडियम की मात्रा अधिक होती है। ये तत्व स्वादिष्ट तो होते हैं, लेकिन शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इनका अधिक मात्रा में सेवन करने से मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
विशेषज्ञों की क्या राय है?
विशेषज्ञों का कहना है कि पैकेज्ड फूड में पोषक तत्व कम होते हैं, जबकि ताजे फल, सब्जियां और प्राकृतिक भोजन शरीर को जरूरी विटामिन, खनिज और फाइबर प्रदान करते हैं, जो स्वस्थ जीवनशैली के लिए जरूरी हैं। पैकेज्ड स्नैक्स की वजह से लोगों में आयरन, जिंक और विटामिन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है।
इस रिपोर्ट से साफ है कि लोग समय और स्वाद बचाने के चक्कर में अपनी सेहत से समझौता कर रहे हैं। सही समय पर अपने आहार में ताजी और पौष्टिक चीजों को शामिल करना बहुत जरूरी है, ताकि हम इन गंभीर बीमारियों से बच सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें।