रांची, 5 नवंबर (हि.स.)। वाराणसी के चातुर्वेद संस्कृत प्रचार संस्थान के तत्वावधान में आयोजित अखिल भारतीय वैभव ज्ञान परीक्षा में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के दो विद्यार्थियों ने शीर्ष दस स्थानों में जगह बनाई है। विश्वविद्यालय के स्नातक द्वितीय समसत्र के छात्र शिवम नारायण ने इस प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त किया है जबकि प्रतिमा चौहान ने सातवां स्थान हासिल किया है। इन उपलब्धियों के साथ उन्होंने न केवल अपने विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है, बल्कि संस्कृत भाषा और संस्कृति के प्रति अपने समर्पण को भी दर्शाया है।
इस अखिल भारतीय स्तर की प्रतियोगिता में भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से 200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, डॉ. हरि सिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय और श्रीसोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिभाशाली छात्रों ने भाग लिया। इस परीक्षा का उद्देश्य संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार करना और इसे युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाना है।
शिवम नारायण और प्रतिमा चौहान की इस सफलता पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में खुशी की लहर है। विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय वासुदेव द्विवेदी ने दोनों छात्रों को उनकी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि विभाग के लिए गर्व का विषय है। साथ ही विभागीय शिक्षकों डॉ. जगदम्बा प्रसाद, डॉ. श्रीमित्रा, कुमारी जया, और मनीषा बोदरा ने भी शिवम और प्रतिमा को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। विभाग के शिक्षकों का कहना है कि इन छात्रों की सफलता न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह पूरे विश्वविद्यालय और संस्कृत विभाग की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाने का कार्य करती है।