शीतकालीन सत्र की तारीख की घोषणा, राज्यपाल के पास लंबित विधेयकों पर स्पीकर का रोष

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कोलकाता, 05 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तारीखों की घोषणा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि यह सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर लगभग 10-11 दिनों तक चलेगा। मंगलवार को देशबंधु चित्तरंजन दास की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में बिमान ने कहा कि इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी और इन्हें बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक में तय किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस विषय पर चर्चा हो चुकी है और मुख्यमंत्री इस पर सहमत हैं।

पिछले दिनों दुर्गा पूजा से पहले एक दिवसीय सत्र में ‘अपराजिता बिल’ पारित किया गया था, जिसमें बलात्कार और हत्या के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। जब उनसे सामूहिक हमला विधेयक’ के बारे में सवाल किया गया, तो बिमान ने कहा कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उन्हें सूचित किया है कि ‘अपराजिता बिल’ को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है, लेकिन सामूहिक हमला विधेयक’ पर कोई जानकारी नहीं दी गई है। उनका कहना है कि विधानसभा में पारित होने वाले विधेयकों के संबंध में पूरी जानकारी सबसे पहले विधानसभा को होनी चाहिए।

राज्यपाल आनंद बोस और विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के बीच लंबे समय से टकराव का इतिहास रहा है। विधानसभा में पारित विधेयकों को लेकर दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता आ रहा है। हाल ही में यह विवाद तब और गहरा गया जब नए विधायकों के शपथ ग्रहण के मुद्दे पर टकराव हुआ। आगामी 13 नवंबर को छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव और 23 नवंबर को उनकी मतगणना होने वाली है। पिछले दो उपचुनावों के बाद तृणमूल कांग्रेस के विजयी विधायकों ने राज्यपाल की उपस्थिति के बिना ही शपथ ली थी, जिससे राज्यपाल का असंतोष खुलकर सामने आया था। आगामी शीतकालीन सत्र में भी उपचुनावों में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवारों का शपथ ग्रहण होगा, जिससे विशेषज्ञों का मानना है कि बिमान बनर्जी और राज्यपाल आनंद बोस के बीच टकराव का एक और बड़ा अध्याय सामने आ सकता है।