टीएमसी के दावे से बढ़ी एनडीए की टेंशन! कहा- ‘भारत ने रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदा लेकिन लोगों को पेट्रोल-डीजल में कोई राहत नहीं’

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पेट्रोल-डीजल की कीमत: भारत पिछले काफी समय से रूस से बेहद सस्ती दरों पर कच्चा तेल खरीद रहा है। इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं होने को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद साकेत गोखले ने सोमवार (4 नवंबर) को केंद्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “भारतीय तेल कंपनियों ने रूस से ‘सस्ता’ तेल खरीदकर भारी मुनाफा कमाया है, लेकिन आम लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है क्योंकि देश में ईंधन की कीमतें अभी भी आसमान छू रही हैं।” 

सरकार पर हमले

टीएमसी के राज्यसभा सांसद गोखले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर कहा, ‘मोदी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि रूस से सस्ता तेल खरीदने का फायदा आम लोगों तक क्यों नहीं पहुंच रहा है. भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों के पीछे का बेहद शर्मनाक सच फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों ने उस पर प्रतिबंध लगा दिए. नतीजा यह हुआ कि रूस को कच्चा तेल 60 डॉलर प्रति बैरल से भी कम दाम पर बेचने पर मजबूर होना पड़ा। भारत रूस से तेल खरीदने वाला दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार बनकर उभरा है। पिछले 2.5 साल से भारत रूस से 25 फीसदी डिस्काउंट पर तेल खरीद रहा है, लेकिन इससे किसे फायदा हुआ?’ 

भारत रूसी तेल का शोधन कर रहा है

गोखले ने कहा, ‘भारत अब यूरोप में रिफाइंड पेट्रोलियम का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। मूलतः, हम रूस के तेल का शोधन कर रहे हैं। चूंकि यूरोप सीधे रूस से तेल नहीं खरीद सकता, इसलिए हम रूस से कच्चा तेल आयात करते हैं, उसे परिष्कृत करके पेट्रोल और डीजल बनाते हैं और यूरोप को बेचते हैं। इससे भारतीय निजी पेट्रोलियम कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ है। जिसका स्वामित्व मोदी के बेहद करीबी कॉरपोरेट्स के पास है। हालांकि, 25-50 फीसदी सस्ती दरों पर तेल आयात करने के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.’

आम जनता को लूटा जा रहा है

साकेत गोखले ने कहा, ‘मोदी सरकार का दावा है कि रूस से तेल आयात करना भारत के हित में है. लेकिन क्या भारत के हित का मतलब हमारे लोगों का कल्याण है या इसका मतलब निजी पेट्रोलियम कंपनियों के लिए अधिक मुनाफा है? यह शर्म की बात है कि मोदी सरकार द्वारा भारत के आम लोगों को लूटा जा रहा है और रूस से सस्ती दरों पर तेल आयात करके उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा है और उन्हें अधिक कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया जा रहा है।’

 

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है

गौरतलब है कि अगस्त में सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल उपभोक्ता और आयातक भारत ने 2.8 अरब डॉलर (23.56 हजार करोड़ रुपये) का कच्चा तेल खरीदा। जुलाई में रूस से. रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन युद्ध से पहले भारत अपनी कुल तेल जरूरत का एक फीसदी से भी कम तेल रूस से खरीद रहा था, लेकिन अब भारत अपनी कुल तेल खरीद का करीब 40 फीसदी रूस से आयात करता है.