जेल में भाई दूज: साढ़े पांच सौ बहनों ने सलाखों के पीछे भाईयों को लगाया तिलक

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जयपुर, 3 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय कारागृह में रविवार को भाई दूज मनाई गई। भाई दूज पर भाईयों को तिलक लगाने के लिए करीब साढ़े 5 सौ से अधिक बहने सेंट्रल जेल पहुची। बढ़ती भीड़ को देखते हुए जेल प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए। इस मौके पर जेल परिसर में भावुक माहौल दिखाई दिया। जेल परिसर में बहनों ने सलाखों के बीच मे से भाईयों को तिलक लगाया और मिठाई खिलाकर उनकी लंबी आयु की कामना की।

जयपुर जेलर राकेश मोहन शर्मा ने बताया कि भाई दूज के उपलक्ष्य पर सुरक्षा की दृष्टि से जेल में तिलक लगाने आई बहनों को बिना जांच के जेल परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया। वैसे तो जेल में बंदियों की मुलाकात के लिए सप्ताह में दो से तीन दिन का समय रहता है । लेकिन त्यौहार को देखते हुए जेल प्रशासन की ओर मुलकात के लिए कुछ छूट दी गई। तिलक लगाने आई बहनों अपने भाईयों से मुलकात के लिए 4 से 5 बजे तक का समय दिया गया। जेल प्रशासन की ओर से जेल में तिलक लगाने आई बहनों के सामान की पुख्ता जांच की गई। इसी के साथ जेल में बनी केंटीन में भी मिठाई की व्यवस्था की गई। ताकी कैदी केंटीन से मिठाई ले सके।

सुरक्षा के लिए लगाए गए अतिरिक्त पुलिसकर्मी

भाई दूज पर जेल में आने वाली बहनों की भीड़ को देखते हुए जेल प्रशासन ने एक दिन पहले ही पुख्ता तैयारी कर ली। जेल प्रशासन ने बिना पर्ची और मोहर के किसी को भी जेल परिसर में एट्री नहीं दी। पर्ची और मोहर लगाने के साथ ही सामान की तलाशी के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की व्यवस्था की गई।

नहीं रोक पाई बहने अपने आंसू

सलाखों के पीछे खड़े अपने भाई को तिलक लगाते समय बहने अपने आंसू नहीं रोक सकी और काफी भावुक नजर आई। बहनों को रोता देख कैदी भाई की आखों से भी आसू झलक पड़े। बहनों ने अपने भाईयों से विदा में अपराध नहीं करने की कसम दिलवाई।