हिमाचल की गारंटियों पर सियासत गरमाई, विपक्ष ने मुख्यमंत्री सुक्खू को घेरा

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शिमला, 02 नवंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में हिमाचल की कांग्रेस सरकार की गारंटियों का जिक्र हो रहा है और भाजपा इसे लेकर कांग्रेस पर हमलावर नज़र आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि हिमाचल, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकारें हैं और इन राज्यों में विकास की गति बद से बदतर हो रही है। यहां तक कि हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं मिल रहा है। प्रधानमंत्री की इस पोस्ट के बाद राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक्स पर पोस्ट डालकर इसका जवाब दिया है। इसमें मुख्यमंत्री ने उनकी सरकार द्वारा 10 में से पांच गारंटियां पूरा करने का दावा किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम, महिलाओं को 1500 रुपये का मासिक भत्ता, कक्षा एक से अंग्रेज़ी माध्यम की शिक्षा, उद्यमिता को बढ़ावा देने के 650 करोड़ का स्टार्टअप फंड और दूध का समर्थन मूल्य लागू करना की गारंटियों को पूरा किया गया है। दूसरी तरफ हिमाचल की विपक्षी दल भाजपा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा पाँच गारंटियों के पूरे होने के दावे को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस पर पलटवार किया है। विपक्ष ने इसे केवल एक “झूठा दावा” करार दिया है और इसे प्रदेश की जनता के साथ छलावा बताया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि “मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अब झूठे वादों से परहेज करना चाहिए। उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी माना है कि झूठे वादों से सरकार की किरकिरी होती है।” जयराम ठाकुर ने सवाल उठाया कि अगर सरकार की सभी गारंटियाँ पूरी हो गई हैं, तो क्या अब जनता को और कोई उम्मीद नहीं रखनी चाहिए?

जयराम ठाकुर ने सरकार के “व्यवस्था परिवर्तन” के दावे पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार के इस बदलाव में जनता के लिए कुछ भी ठोस नहीं दिख रहा है। जयराम ठाकुर ने तंज कसते हुए कहा, “क्या यही व्यवस्था परिवर्तन है, जिसके नाम पर जनता को गुमराह किया गया?”

उन्होंने कहा कि सरकार का कार्य सिर्फ दावों तक सीमित रह गया है और जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी को नजरअंदाज किया जा रहा है।