वड़ोदरा समाचार: देश की राजधानी दिल्ली की तरह वड़ोदरा शहर में भी पिछले कुछ समय से वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। दो पहिया, चार पहिया वाहनों सहित बस, टैक्सी, कैब, ऑटोरिक्शा जैसे वाहनों में वृद्धि, शहर के बीच डिवाइडरों पर लगाए गए कोनोकार्पस के पेड़ और दिवाली त्योहार के दौरान उड़ाए जाने वाले शराब के धुएं और शहर के चारों ओर कारखानों में वृद्धि जैसे कारकों के कारण प्रदूषण बढ़ने से शहर की स्थिति बदल गई है। जिसका असर अब लोगों की सेहत पर पड़ रहा है और लोग सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं।
दिवाली के दौरान शहर में वाहनों के धुएं के अलावा पटाखों से भी वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। इसका सीधा असर छोटे बच्चों, बूढ़ों पर तेजी से देखने को मिलता है। लोगों में सांस की समस्या के कारण अस्थमा, अस्थमा, दिल का दौरा, कार्डियक अटैक, वायरल संक्रमण, निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस बढ़ गया है।
विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक इस प्रदूषण से छोटे बच्चे, बीमार और बुजुर्ग लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, गुजरात और वडोदरा शहर की वायु गुणवत्ता मध्यम पाई गई है। यदि श्वास संबंधी बीमारियों के लक्षण दिखाई दें तो समय पर उचित विशेषज्ञ डॉक्टरों से इसका निदान कराना और तदनुसार दवा लेना आवश्यक है। डॉक्टर की सलाह और हो सके तो मास्क, चश्मे का प्रयोग करना चाहिए।