यमुना नदी: दिल्ली की यमुना नदी में प्रदूषण अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है… हालांकि, छठी पूजा के आगमन के साथ, इसकी सफाई पर बहस तेज हो गई है… क्योंकि नदी प्रदूषण ने उपवास करने वाले लोगों के साथ-साथ राजनीतिक तनाव को भी बढ़ा दिया है। ..यमुना में जहरीले झाग की परतें बता रही हैं कि नदी कितनी जहरीली हो गई है… अधिकारियों ने इसे हटाने के लिए केमिकल डिफोलिएंट्स का छिड़काव शुरू कर दिया है…. लेकिन चिंता की बात यह है कि छठा इतना करीब होने के साथ, इसमें व्रत करने वाले हजारों लोग कैसे होंगे विषैला झाग आधा दे दो?
जहां देखो वहां सफेद चादर, कई फीट ऊंची जहरीली झाग की परतें
ये नजारे देश की राजधानी नई दिल्ली के हैं… और जो नजारे आप देख रहे हैं वो राज्य की जीवनधारा यमुना नदी का है… देश की राजधानी होने के बावजूद भी यहां यहां वायु प्रदूषण की बड़ी समस्या है… तो अब छठ पूजा से पहले यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है…
ये दृश्य नई दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके के हैं… दृश्यों में आप जो झागदार बूंदें देख रहे हैं, वे नहरें या नहरें नहीं हैं… बल्कि दिल्ली की जीवन रेखा यमुना नदी हैं… आसमान में, यह हो सकता है देखा कि कालिंदी कुंज इलाके में यमुना अत्यधिक प्रदूषित हो गई है…
यमुनोत्री से यमुना नदी करीब 1400 किलोमीटर का सफर तय कर प्रयागराज के संगम पर मिलती है…हालांकि दिल्ली में इस नदी की हालत सबसे खराब है और सबसे ज्यादा प्रदूषित भी…जानकारों का कहना है कि यमुना नदी की यह समस्या पूरे साल बनी रहती है। ..लेकिन छठवीं यमुना नदी केवल पूजा उत्सवों के दौरान ही नजर आती है…
इस बीच सुबह बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला कालिंदी कुंज पहुंचे…और उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला बोला…कहां गए 7000 करोड़? क्या केजरीवाल गोता लगाएंगे?
अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का वो बयान भी सुन लीजिए… जो उन्होंने 2023 में कहा था… 2025 में सिर्फ 29 दिन बचे हैं… अभी भी यमुना नदी साफ नहीं हुई है… हिंदू धर्म में नदियों का बहुत ऊंचा स्थान है है… लेकिन दुर्भाग्य से धर्म और धार्मिक संस्थाएं कभी भी नदियों के पक्ष में खड़ी नहीं होतीं… और गंदी राजनीति के कारण देश की नदियां और अधिक प्रदूषित होती जा रही हैं…