बांधवगढ़ नेशनल पार्क: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 48 घंटे में 8 हाथियों की मौत से देशभर में हंगामा मच गया है. मंगलवार को चार हाथियों की संदिग्ध मौत के बाद बुधवार को भी चार हाथियों की मौत हो गयी. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र के साथ भोपाल से आई जांच टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट में पता चला है कि या तो इन हाथियों ने गलती से कोई जहरीला पदार्थ खा लिया है या फिर उन्हें जहरीला पदार्थ खिलाया गया है. मृत हाथियों में एक नर और 7 मादा हाथी हैं।
13 हाथियों का झुंड आया सलखनिया क्षेत्र में
जानकारी के मुताबिक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पटोर रेंज के खतौली और सलखनिया इलाके में 13 हाथी घूम रहे थे, लेकिन इनमें से चार की मंगलवार को संदिग्ध मौत हो गई, जबकि पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनमें से बुधवार को भी चार हाथियों की मौत हो गई. ये सभी हाथी 200 मीटर के क्षेत्र में बेहोश पाए गए, जिसके बाद जबलपुर, उमरिया और कट्टी समेत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बैटरी डॉक्टरों को बुलाया गया लेकिन चार हाथियों की जान नहीं बचाई जा सकी. दो अधिकारियों की टीम बाकी हाथियों की निगरानी कर रही है.
पोस्टमॉर्टम में क्या मिला?
8 डॉक्टरों की टीम ने मृत हाथियों का पोस्टमॉर्टम किया. पोस्टमार्टम और प्रारंभिक जांच में डॉक्टरों ने यह भी आशंका जताई है कि मौत जहरीला खुरानी या कोदो कुटकी जैसे फलों के जहर से हुई है। जांच इस बात पर भी केंद्रित है कि क्या जहर जानबूझकर दिया गया था या फसलों में कीटनाशकों के कारण हाथियों की मौत हुई थी।
वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने एसआईटी का गठन किया
घटना की गंभीरता को देखते हुए मामला केंद्र तक पहुंचा, जिसके बाद केंद्र सरकार ने संज्ञान लिया और भोपाल एसटीएफ के अलावा वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने भी अपनी एसआईटी टीम का गठन किया है. मामले में नियुक्त एसटीएफ ने आसपास के खेतों और सात घरों की तलाशी ली. इसके अलावा जांच टीम 5 किलोमीटर के दायरे में अवैध शिकार और जहर देने समेत विभिन्न स्थानों की भी जांच कर रही है.