मुंबई: प्रवेश नियामक प्राधिकरण (एआरए) ने नियमित शुल्क से पांच गुना अधिक शुल्क मांगने पर 12 निजी गैर सहायता प्राप्त चिकित्सा, आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी डिग्री पाठ्यक्रम कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इन कॉलेजों के खिलाफ शिकायत करने वाले 14 छात्रों को फीस नियामक प्राधिकरण (एफआरए) के फैसले के तहत दाखिला देने का आदेश प्रवेश नियामक प्राधिकरण ने दिया है।
राज्य के निजी गैर सहायता प्राप्त मेडिकल कॉलेजों, होम्योपैथी और यूनानी डिग्री और मास्टर कॉलेजों में संस्थागत कोटा के माध्यम से प्रवेश लेने वाले छात्रों से शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए नियमित शुल्क से पांच गुना अधिक शुल्क लिया गया। हालांकि एफआरए ने फीस में वृद्धि नहीं की है और राज्य के सभी निजी गैर सहायता प्राप्त मेडिकल, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेजों को 10 नवंबर 2023 को प्रकाशित नोटिस के अनुसार फीस लेने का निर्देश दिया है, लेकिन कुछ कॉलेज पांच गुना फीस की मांग कर रहे थे। बताया गया है कि ये कॉलेज नवी मुंबई, धुले, परभणी, सांगली, जालना, अहमदनगर, छत्रपति संभाजी नगर, नागपुर में स्थित हैं।
कुछ छात्रों ने एआरए से शिकायत की कि कुछ कॉलेजों को पूरे कोर्स की फीस एकमुश्त देनी पड़ी, जबकि एक कॉलेज ने प्रवेश के लिए 50 लाख रुपये की मांग की। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए एडमिशन रेगुलेटिंग अथॉरिटी ने संबंधित कॉलेजों को तुरंत नियमित शुल्क पैमाने के अनुसार छात्रों को प्रवेश देने का निर्देश दिया है। यह भी कहा गया है कि ऐसा न करने पर कॉलेजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।