Investment Formula: इस फॉर्मूले से शुरू करें निवेश, 18 की उम्र में बच्चा बन जाएगा करोड़पति

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SIP निवेश फॉर्मूला : हर माता-पिता को अपने बच्चे के जन्म के साथ ही उसके भविष्य की चिंता सताने लगती है। आजकल बच्चे की पढ़ाई और शादी पर लाखों रुपए खर्च होते हैं। आने वाले समय में यह खर्च और भी ज्यादा होगा। ऐसे में इतने पैसों का इंतजाम करना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हालांकि, अगर आप बच्चे के जन्म के साथ ही उसके भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कर लें तो आप इस जिम्मेदारी को बहुत आसानी और अच्छे से निभा सकते हैं।

यहां जानिए वो तरीका जिससे आप अपने बच्चे के लिए लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपए बचा सकते हैं। अगर आप बच्चे के जन्म के साथ ही ये काम शुरू कर देंगे तो 18 साल की उम्र तक आपका बच्चा करोड़पति बन जाएगा। इसके लिए आपको एक फॉर्मूले के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश करना होगा। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं-

यह सूत्र चमत्कार करेगा

निवेश का यह फॉर्मूला 18x15x12 है। इस फॉर्मूले के तहत आपको बच्चे के जन्म के साथ ही म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर देना है। आप हर महीने SIP के जरिए आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। फॉर्मूले के मुताबिक 18 का मतलब साल है, यानी आपको बच्चे के जन्म के साथ ही SIP शुरू कर देनी है और उसके 18 साल का होने तक इसे जारी रखना है। 15 का मतलब 15,000 रुपये की SIP और 12 का मतलब रिटर्न है। SIP का औसत रिटर्न 12 फीसदी माना जाता है।

1 करोड़ से ज़्यादा का फंड कैसे जोड़ें

अगर आप इस फॉर्मूले को लागू करते हुए अपने बच्चे के जन्म लेते ही उसके नाम पर 15,000 रुपये की मासिक एसआईपी शुरू करते हैं और इसे 18 साल तक जारी रखते हैं, तो आप 18 साल में कुल 32,40,000 रुपये का निवेश करेंगे। अगर हम एसआईपी का औसत रिटर्न 12 फीसदी के हिसाब से कैलकुलेट करें, तो 18 साल में आपको इस रकम पर 82,41,589 रुपये ब्याज के रूप में मिलेंगे। इस तरह 18 साल बाद आपको निवेश की गई रकम और ब्याज को मिलाकर कुल 1,14,81,589 रुपये मिलेंगे। इस तरह जब आपका बच्चा 18 साल का होगा, तो वह 1,14,81,589 रुपये का मालिक होगा। ऐसे में आप इस रकम से उसकी सभी जरूरतें आसानी से पूरी कर सकते हैं।

एसआईपी के लाभ

एसआईपी में कंपाउंडिंग का फायदा जबरदस्त है। एसआईपी जितने लंबे समय के लिए होगी, कंपाउंडिंग का फायदा उतना ही ज्यादा मिलेगा। इसका औसत रिटर्न 12 फीसदी है जो किसी दूसरी स्कीम में नहीं मिलता। कई बार रिटर्न इससे ज्यादा भी होता है। इसके अलावा आपको रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है। इससे बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति में भी आपका खर्च औसत रहता है। वहीं एसआईपी के जरिए निवेश में निवेश अवधि और रकम को लेकर लचीलापन रहता है। आप अपनी सुविधा के अनुसार मासिक, तिमाही या छमाही निवेश अवधि का विकल्प चुन सकते हैं। जब भी आपको जरूरत हो, आप इसे रोककर अपनी एसआईपी से पैसे निकाल सकते हैं और जब चाहें एसआईपी में निवेश बढ़ा सकते हैं।