यूरोप के सबसे आर्थिक रूप से ताकतवर देश जर्मनी ने अपना जॉब मार्केट भारतीयों के लिए खोल दिया है। जर्मन सरकार ने फैसला किया है कि वह हर साल 90,000 भारतीयों को वर्क वीजा जारी करेगी.
अब तक इस श्रेणी में 20 हजार भारतीयों को वीजा मिल रहा था। जारी किए जाने वाले वीजा की संख्या बढ़ाई जा सकती है. भारत दौरे पर आए जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने यह जानकारी दी है.
आज उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई और द्विपक्षीय संबंधों के सभी मुद्दों पर चर्चा हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी की इस घोषणा की जानकारी दी और इसका स्वागत किया.
जर्मन बिजनेस के 18वें एशियाई प्रशांत सम्मेलन (एपीके-2024) में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जर्मनी ने कुशल भारतीयों के लिए वीजा की संख्या प्रति वर्ष 20,000 से बढ़ाकर 90,000 करने का फैसला किया है।
चांसलर स्कोल्ज़ ने कहा कि जर्मन विश्वविद्यालयों में विदेशी छात्रों में सबसे बड़ी संख्या भारतीयों की है. पिछले साल 23 हजार भारतीय पेशेवरों ने जर्मनी में काम करना शुरू किया है.
जर्मनी के श्रम एवं सामाजिक मामलों के मंत्री ह्यूबर्टस हील ने कहा कि जर्मनी को हर साल चार लाख पेशेवरों की जरूरत होगी. जिनमें से बड़ी संख्या में भारत से ले जाया जाएगा.