फतेहाबाद : फसल अवशेष जलाने पर पांच और किसानों के खिलाफ केस दर्ज, दो किसान गिरफ्तार

Edd5c7d888adaedeaeefa816337d2079 (1)

फतेहाबाद, 25 अक्टूबर (हि.स.)। जिले में फसलों के अवशेष जलाने वाले किसानों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। ऐसे ही दो मामलों में पुलिस ने शुक्रवार को पांच किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पूर्व अब तक सात किसानों के खिलाफ पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। अब तक पुलिस 12 किसानों पर केस दर्ज कर चुकी है। फसलों के अवशेष जलाने के मामले में भूना पुलिस ने दाे किसानाें काे गिरफ्तार किया है।

पुलिस को दी शिकायत में एग्रीकल्चर सुपरवाइजर भूना राकेश ने कहा है कि उपमंडलाधीश फतेहाबाद ने धान कटाई उपरांत बचे हुए अवशेष जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। गत दिवस हरसेक ने उन्हें खेत में आग लगाने बारे जीपीसी लोकेशन मिली। इस शिकायत के बाद कृषि विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का मुआयना किया। टीम ने पाया कि किसान सत्यनारायण पुत्र रामप्रसाद निवासी नहला ने 8 कनाल में, तारा व प्यारा पुत्र श्योनारायण निवासी नहला ने 12 कनाल में पराली में आग लगाई हुई थी। इस पर टीम ने इस बारे पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई। इस मामले में पुलिस ने तीनों किसानों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दूसरे मामले में सदर टोहाना पुलिस को दी शिकायत में कृषि विकास अधिकारी टोहाना सुरेश कुमार ने कहा कि हरसेक द्वारा भेजी गई लोकेशन के बाद कृषि विभाग की टीम जब मौके पर पहुंची तो पाया कि किसान कृष्ण कुमार पुत्र मेवा राम निवासी रूपावाली ने 16 कनाल में, राजपाल पुत्र मेवा सिंह रूपावाली ने अपने खेत में पराली में आग लगाई हुई थी। इस पर पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

प्रतिबंध के बावजूद फसलों के अवशेष जलाने के मामले में कार्रवाई करते हुए थाना भूना पुलिस ने दो किसानों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए किसानों की पहचान वजीर सिंह पुत्र नेतराम निवासी बैजलपुर व सुशील कुमार उर्फ आलू पुत्र सत्यवान निवासी खैरी के रूप में हुई है। हालांकि दोनों किसानों को पुलिस ने जमानत पर छोड़ दिया है। भूना थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रदीप ने बताया कि इस बारे पुलिस ने 21 अक्टूबर को कृषि विकास अधिकारी भूना कार्यालय से एग्रीकल्चर सुपरवाइजर प्रीति की शिकायत पर केस दर्ज किया था। शिकायतकर्ता के अनुसार उपमंडलाधीश द्वारा धान की फसल के अवशेष जलाने पर लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद इन किसानों ने अपने खेतों में धान की अवशेषों में आग लगाई है।