विमानों को बम से उड़ाने की धमकियां जारी हैं. गुरुवार को एक बार फिर 85 उड़ानों पर खतरा मंडराने लगा। इनमें एयर इंडिया की 20, इंडिगो की 20, विस्तारा की 20 और अकासा की 25 उड़ानें शामिल हैं। पिछले 11 दिनों में 255 से ज्यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। इससे एविएशन सेक्टर को 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
एक दिन पहले 23 अक्टूबर को आईटी मंत्रालय ने इन खतरों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, मेटा और एयरलाइन कंपनियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की थी. सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से पूछा था, ‘आपने इन दुर्भावनापूर्ण अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए क्या किया है? ये हालात बताते हैं कि आप अपराध को बढ़ावा दे रहे हैं.
21 अक्टूबर को नायडू ने कहा था कि फ्लाइट में बम की धमकी देने वालों के नाम ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में जोड़े जा सकते हैं. सरकार गैरकानूनी कृत्यों पर नकेल कसने के लिए विमानन सुरक्षा विनियम और नागरिक उड्डयन सुरक्षा अधिनियम, 1982 में संशोधन करने की योजना बना रही है। इस मुद्दे पर ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (बीसीएएस) लगातार गृह मंत्रालय के संपर्क में है।
एयर मार्शलों की संख्या दोगुनी करें
16 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने उड़ानों में एयर मार्शलों की संख्या दोगुनी करने का फैसला किया। उसी दिन गृह मंत्रालय ने फर्जी धमकियों पर विमानन मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी. सीआईएसएफ, एनआईए और आईबी को भी रिपोर्ट देने को कहा गया
गिरफ़्तारियाँ कहाँ की गईं?
मुंबई पुलिस ने धमकी देने के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है. इन दोनों ने इंडिगो फ्लाइट में बम से उड़ाने की धमकी दी थी. इसके साथ ही सोमवार को केरल के कोच्चि एयरपोर्ट पर बम की धमकी देने के आरोप में एक यात्री को हिरासत में लिया गया.
धमकी के बाद क्या होता है?
विमान में बम होने की सूचना मिलने के बाद विमान को अपने निर्धारित हवाईअड्डे के बजाय नजदीकी हवाईअड्डे की ओर मोड़ दिया गया। इसमें न केवल ईंधन की अधिक खपत होती है, बल्कि विमान की दोबारा जांच, यात्रियों को होटलों में ठहराने और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था भी करनी पड़ती है। इसकी प्रति उड़ान लागत करीब 3 करोड़ रुपये है.