शी जिनपिंग से मुलाकात में पीएम मोदी ने कहा- सीमा पर शांति, विश्वास और सम्मान बेहद जरूरी

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पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अहम बैठक हुई. भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा से अपनी-अपनी सेनाएं पीछे हटाने को लेकर हुए समझौते के बाद मोदी और शी के बीच यह बैठक हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. वहीं शी जिनपिंग ने सीमा पर शांति स्थापित करने की भी बात कही.  

साल 2020 में भारत और चीन की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद पैदा हो गया. अब इस मामले को सुलझाने की कोशिशें की जा रही हैं, जिसके तहत नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई यह मुलाकात अहम मानी जा रही है. बैठक के बीच में नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम पांच साल बाद औपचारिक रूप से यह बैठक कर रहे हैं. हम पिछले चार वर्षों में सीमा पर उपजे तनाव और समस्याओं पर बनी सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। 

उधर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों को अपने मतभेदों को ठीक से संभालना चाहिए. भारत और चीन को अपने संबंधों को सामान्य बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। तभी दोनों देश अपने विकास लक्ष्यों को पूरा कर सकेंगे। संवाद करना और सहयोग करना, अपने मतभेदों और असहमतियों को उचित रूप से प्रबंधित करना और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं की पूर्ति को सुविधाजनक बनाना महत्वपूर्ण है। दोनों देशों को मिलकर अपनी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारियाँ निभाकर विकासशील देशों की ताकत और एकता को मजबूत करने को प्राथमिकता देने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर एक्स पर शी जिनपिंग के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की. जिसमें उन्होंने लिखा कि कज़ान में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात हुई। भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। यह स्थानीय और वैश्विक स्तर पर शांति-स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और संवेदनशीलता दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करती रहेगी। वहीं पत्रकारों ने इस दौरे को लेकर भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री से सवाल किया कि क्या चीन पर भरोसा किया जा सकता है. जवाब में उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ेगा. दोनों देशों के बीच हुए समझौते से सीमा पर शांति का रास्ता खुल गया है. इससे पहले नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात 2019 में हुई थी, हालांकि लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद दोनों के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई थी, लेकिन अब चार साल बाद दोनों देशों के प्रमुखों की मुलाकात हुई है.

आतंकवाद बड़ी समस्या, गाजा में शांति स्थापित करनी होगी: ब्रिक्स देश

ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद को सभी देशों के लिए बड़ी समस्या माना. साथ ही आतंकवाद से निपटने के लिए सभी तरह के प्रयासों पर भी सहमति बनी. ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका इस संगठन ने संयुक्त बयान जारी कर आतंकवाद की निंदा की. 

रूस के कज़ान में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य देशों के शीर्ष प्रमुखों ने भाग लिया। संयुक्त घोषणा में कहा गया कि आतंकवाद एक बड़ी समस्या बन गयी है. देशों की सुरक्षा के लिए आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक उपाय करना जरूरी है। इसके अलावा व्यापार, स्थानीय मुद्रा में वित्तीय समझौते आदि पर भी चर्चा हुई. इस बीच गाजा में इजरायली सेना द्वारा किए गए नरसंहार की भी भारी आलोचना हुई.