दीपावली से पहले गुरु-पुष्य का महासंयोग : गुरुवार काे दिनभर कर सकते हैं खरीदारी

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जोधपुर, 23 अक्टूबर (हि.स.)। इस बार दीपावली से पहले 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का संयोग बना है। यह हर तरह की खरीदारी के लिए सर्वोत्तम दिन माना जाता है।

ज्योतिषियों का कहना है कि पुष्य नक्षत्र पर कई राशियों का शुभ मिलन देखने को मिल रहा है। इसके चलते कई विशेष योग बन रहे हैं, जो की शुभ माने जाते हैं। कर्क राशि में मंगल और चंद्रमा की युति से ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग होने से ये दिन महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए मुहूर्त बेहद अहम है। इसके निर्धारण के लिए पंचांग और ग्रहों की अनुकूलता पर विचार किया जाता है। हालांकि, शुभ दिन का विचार जन्म कुंडली के आधार पर किया जाता है, लेकिन कुछ दिन विशेष ऐसे भी होते हैं, जो सभी के लिए समान रूप से शुभ फल प्रदान करने वाले होते हैं। दीपावली से ठीक पहले गुरुवार को पुष्य नक्षत्र है और पुष्य नक्षत्र को हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व है। गुरुवार सुबह 11.38 बजे से अगले दिन दोपहर 12.35 बजे तक पुष्य नक्षत्र का योग रहेगा, लेकिन खरीदारी का महत्व गुरुवार को ही है। ऐसे में सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग में खरीदारी से समृद्धि की प्राप्ति होगी। इस दिन स्वर्णाभूषण, हीरा, देवी-देवताओं की प्रतिमाएं, भूमि-भवन, फ्लैट, चांदी के गहने, रसोई के सामान, बर्तन, फैक्ट्रियों व कारखानों के लिए मशीनरी, लॉक, वाहन खरीद श्रेष्ठकर होता है।

29 अक्टूबर को त्रिपुष्कर योग

इसके बाद 29 अक्टूबर को एक बार फिर से त्रिपुष्कर योग बनेगा। इसमें लोग खरीदारी कर सकेंगे। फिर धनतेरस खरीदारी के लिए सबसे श्रेष्ठतम रहेगा। धनतेरस के दिन ही धनवंतरि कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए धनतेरस के दिन पात्र का क्रय किया जाना चाहिए। पात्र की क्षारणीय क्षमता से तेरह गुना धन और ऐश्वर्य प्राप्त होने के योग बनते हैं। इस दिन चांदी और पीतल के बर्तन खरीदने से मानसिक शांति मिलती है। शरीर भी पुष्ट होता है। साथ ही सोने व चांदी के गहने, भूमि-भवन, वस्त्र, वाहन, सजावटी व इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम क्रय करना भी शुभ रहेगा। 31 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी के दिन भी खरीदारी के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे। वहीं 1 नवंबर को दिवाली पर्व मनाया जाएगा, जबकि 2 नवंबर को त्रिपुष्कर योग व गोवर्धन पूजन होगा।