EPFO Tips: रिटायरमेंट फंड निकालना हो या पेंशन लेनी हो, जानिए कौन सा फॉर्म आपके काम आएगा..

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नौकरीपेशा लोग जो हर महीने EPFO ​​में अंशदान करते हैं, उन्हें EPF फॉर्म 31 और 19, फॉर्म 10C और फॉर्म 10D के बारे में जरूर जानना चाहिए। ये वो फॉर्म हैं जिनकी जरूरत हर EPFO ​​सदस्य को कभी न कभी पड़ती ही है। इन सभी फॉर्म का इस्तेमाल फंड निकासी के लिए किया जाता है। हालांकि, फंड निकासी के मामले में ये सभी फॉर्म अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। आइए आपको बताते हैं कि कब और कहां कौन सा फॉर्म आपके काम आता है।

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फॉर्म 31 और 19 की जरूरत आपको कब पड़ती है
जब आप नौकरी के दौरान अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने पीएफ बैलेंस का एक हिस्सा या एडवांस पीएफ निकालते हैं, तो आपको पीएफ निकासी फॉर्म 31 की जरूरत पड़ती है। इसे ईपीएफ क्लेम फॉर्म 31 भी कहते हैं। जरूरत के हिसाब से निकासी के नियम अलग-अलग होते हैं।

जब आपको ईपीएफ का पूरा फंड निकालना होता है तो आप पीएफ निकासी फॉर्म 19 का इस्तेमाल करते हैं। इसे ईपीएफ क्लेम फॉर्म 19 भी कहा जाता है। ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति लगातार दो महीने बेरोजगार रहने या रिटायरमेंट के बाद अपने ईपीएफ फंड की पूरी रकम निकाल सकता है।

फॉर्म 10D का इस्तेमाल कब होता है?
ईपीएफओ के नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति लगातार 10 साल तक नौकरी करके ईपीएफ पेंशन अकाउंट यानी (ईपीएस) में योगदान देता है तो वह पेंशन पाने का हकदार हो जाता है और यह पेंशन उसे रिटायरमेंट के बाद दी जाती है। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ पाने के लिए उसे फॉर्म 10D भरना होता है। इसके अलावा किसी अन्य स्थिति में भी अगर व्यक्ति ईपीएफओ से पेंशन पाने का हकदार है तो उसे फॉर्म 10D भरना होगा।

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फॉर्म 10C की जरूरत भी जान लें
अगर कर्मचारी की नौकरी की अवधि 10 साल नहीं है तो वह अपने EPF का फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करते समय EPS में जमा पैसे को उसी समय निकाल सकता है। ऐसे में उसे फॉर्म 10C भरना होगा। इसके अलावा आप पेंशन स्कीम सर्टिफिकेट पाने के लिए भी इस फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सर्टिफिकेट के जरिए आप अपना PF बैलेंस एक कंपनी से दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर सकते हैं।