NPS Rule Change: एनपीएस भुगतान से जुड़े 6 नियमों में बदलाव, यहां जानें…

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सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में एक बार फिर बदलाव किया गया है। यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) को लागू हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ है और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने बुधवार को NPS को लेकर नई गाइडलाइन जारी की। यह गाइडलाइन केंद्रीय सिविल सेवा (NPS लागू होने के बाद) 2021 के नियमों को लेकर जारी की गई है।

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कार्मिक मंत्रालय के तहत आने वाले इस विभाग ने अपनी गाइडलाइन में कहा है कि सरकारी कर्मचारियों और उनके लाभार्थियों को एनपीएस अंशदान राशि की वापसी के संबंध में अधिक स्पष्टता लाने के लिए यह बदलाव किया गया है। आपको बता दें कि एनपीएस को वर्ष 2004 में लागू किया गया था और तब से इसके नियमों में लगातार बदलाव किए गए हैं। हालिया गाइडलाइन में एनपीएस से जुड़े 6 नियमों में बदलाव किया गया है।

6 नियमों में बदलाव किया गया है।
सरकार के खाते में जाएगी रकम: गाइडलाइन में कहा गया है कि केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत अगर किसी एनपीएस खाताधारक की मृत्यु हो जाती है या उसे अयोग्य या विकलांग घोषित कर नौकरी से हटा दिया जाता है तो ऐसी स्थिति में सरकार की ओर से किया गया योगदान और उस पर मिलने वाला रिटर्न वापस सरकार के खाते में जाएगा।

बाकी पैसा लौटाया जाएगा: गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि ऐसी स्थिति में बची हुई पेंशन राशि उस कर्मचारी या उसके नॉमिनी को एकमुश्त दे दी जाएगी। पैसे लौटाने के लिए PFRDA की ओर से 2015 में जारी नियमों का पालन किया जाएगा।

पूर्व में दी गई राहत होगी समायोजित: वर्ष 2004 में एनपीएस लागू होने के बाद वर्ष 2009 में नियम बनाया गया कि सीसीएस पेंशन नियम के तहत यदि कर्मचारी के लाभार्थियों को किसी परेशानी से बचाने के लिए पूर्व में कोई राहत दी गई है तो उसे एनपीएस का अंतिम भुगतान करने से पूर्व उसकी राशि के साथ समायोजित कर दिया जाएगा।

पूरा पैसा सरकार के खाते में जाएगा: गाइडलाइन में कहा गया है कि वर्ष 2015 में जारी नियमन के अनुसार, यदि कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके लाभार्थियों ने सीसीएस पेंशन नियम के तहत लाभ ले लिया है, तो कर्मचारी और सरकार द्वारा किया गया अंशदान और उसका रिटर्न भी पूरी राशि सरकार के खाते में वापस जाएगी।

कब तक होगी ब्याज की गणना: गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके कॉर्पस पर मिलने वाले रिटर्न की गणना पीपीएफ की ब्याज दर के आधार पर की जाएगी। यह ब्याज केवल उस अवधि के लिए दिया जाएगा जो कर्मचारी की मृत्यु और पेंशन कॉर्पस यानी फंड के उसके लाभार्थियों को ट्रांसफर होने के बीच बीत जाएगी।

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ब्याज सहित लौटाना होगा पैसा: यदि सीसीएस नियमों के तहत सभी लाभ पहले ही दिए जा चुके हैं और ऐसी स्थिति में सरकारी अंशदान का पैसा सरकारी खाते में नहीं आया है तो एनपीएस से यह पैसा ब्याज सहित सरकार को लौटाना होगा।