ट्रेन के पहियों के पास रेत क्यों भरी जाती है? शर्त लगाइए 99% लोगों के पास इसका जवाब नहीं होगा

De022883c2aecf6a90deef168d4c7cb5

ट्रेन के पहियों के पास  रेत गिरती रहती है। दरअसल, पहियों के पास एक चैंबर में रेत भरी होती है। जहां से यह पाइप के सहारे ट्रैक और पहियों के बीच गिरती रहती है। शर्त लगाइए कि आपको भी इसके पीछे की वजह नहीं पता होगी।

क्या इसका कारण कोई दोष हो सकता है? 

हर कोई इसे किसी तरह की खराबी मानता है। हालांकि, असल में यह कोई खराबी नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक खास वजह है जो ट्रेन में सफर कर रहे लोगों को सुरक्षित रखने में मदद करती है। आपको यकीन नहीं होगा कि अगर ऐसा न किया जाए तो ट्रेन में बैठे सभी यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है। 

रेलगाड़ी के पहियों के पास रेत गिरने का क्या कारण है?   

ट्रेन के पहियों के पास रेत भरने का मुख्य कारण यह है कि इससे पहियों और रेल की पटरी के बीच घर्षण बढ़ता है, जिससे ट्रेन की ब्रेकिंग और ट्रैक्शन बेहतर होता है। खास तौर पर जब ट्रेन अचानक रुकने की कोशिश करती है या गीली पटरियों या ढलान जैसी फिसलन भरी सड़कों पर चलती है, तो पहिए और पटरी के बीच पर्याप्त घर्षण की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में रेत का इस्तेमाल करके घर्षण को बढ़ाया जाता है, ताकि पहिए फिसलें नहीं और ट्रेन सुरक्षित तरीके से रुक सके।

इसका इस्तेमाल खास तौर पर ढलान पर चढ़ते वक्त भी किया जाता है, ताकि पहियों की पकड़ पटरी पर बनी रहे और ट्रेन आसानी से आगे बढ़ सके। ट्रेन के पहियों के पास रेत भरने की मुख्य वजह यह है कि इससे पहियों और रेल पटरी के बीच घर्षण बढ़ जाता है, जिससे ट्रेन की ब्रेकिंग और ट्रैक्शन बेहतर होता है। खास तौर पर जब ट्रेन अचानक रुकने की कोशिश करती है या फिसलन भरी सड़कों, जैसे गीली पटरियों या ढलान पर चलती है, तो पहिए और पटरी के बीच पर्याप्त घर्षण की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में रेत का इस्तेमाल करके घर्षण को बढ़ाया जाता है, ताकि पहिए फिसलें नहीं और ट्रेन सुरक्षित तरीके से रुक सके।

इसका इस्तेमाल खास तौर पर ढलान पर चढ़ते समय किया जाता है, ताकि पहियों की पकड़ पटरी पर बनी रहे और ट्रेन आसानी से आगे बढ़ सके। यह सिस्टम सालों से इस्तेमाल में आ रहा है, जिससे न सिर्फ यात्री सुरक्षित रहते हैं, बल्कि ट्रेन को सुरक्षित तरीके से ब्रेक लगाना भी आसान हो जाता है।