8वां वेतन आयोग: यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) और महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक और तोहफा मिल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए साल 2025 में मोदी सरकार 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। चूंकि आमतौर पर केंद्र सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन को संशोधित करने के लिए हर 10 साल में वेतन आयोग का गठन करती है।
सातवें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में हुआ था, लेकिन इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं, जो 31 दिसंबर 2025 को खत्म होने जा रही हैं, इस आधार पर 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 में लागू होना है, ऐसे में अभी से हलचल तेज हो गई है। अगर नया वेतन आयोग लागू होता है तो सैलरी में 44.44 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।
क्या 2025 में नए वेतन आयोग पर फैसला लिया जा सकेगा?
ऐसी भी संभावना है कि केंद्र सरकार बजट 2025 में 8वें वेतन आयोग पर विचार कर सकती है, क्योंकि अपने गठन के बाद आयोग को सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपने से पहले अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप देने में कुछ समय लगता है।
इससे पहले, 7वें वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में 18 महीने से अधिक का समय लगा था और इसे 2016 में लागू किया गया था। 10 साल के पैटर्न की बात करें तो 8वें वेतन आयोग को जनवरी 2026 में लागू किया जाना है, इसलिए इसे 2025 से ही लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि नए वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को विभिन्न आर्थिक मापदंडों, विशेष रूप से मुद्रास्फीति के अनुसार संशोधित किया जाता है।
अब तक कई कर्मचारी संगठनों ने भेजे थे प्रस्ताव
गौरतलब है कि पिछले महीनों में कई कर्मचारी संगठनों ने 8वें वेतन आयोग को लेकर केंद्र को कई पत्र लिखे हैं। बजट सत्र के दौरान कर्मचारी महासंघ, राष्ट्रीय संयुक्त सलाहकार मशीनरी परिषद और भारतीय रेलवे तकनीकी पर्यवेक्षक संघ समेत विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आठवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग की थी।
अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ के प्रमुख शिव गोपाल मिश्रा ने उम्मीद जताई है कि 8वां वेतन आयोग यह सिफारिश करेगा कि डीए 50% से अधिक होने पर मूल वेतन में वृद्धि की जाए। 7वें वेतन आयोग ने इसका प्रस्ताव रखा था, बाद में केंद्र ने इसे मंजूरी नहीं दी। अब यह मांग आठवें वेतन आयोग के समक्ष भी रखी जाएगी। कर्मचारी मंच ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें उनसे आठवें वेतन आयोग के गठन में तेजी लाने का अनुरोध किया गया है।
पिछले दिनों मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन और जावेद अली खान ने इस बारे में सवाल उठाए थे। इस पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि फिलहाल 8वें वित्त आयोग के लिए केंद्र सरकार के समक्ष विचार के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है, सरकार को सिर्फ 2 ज्ञापन मिले हैं, इसलिए इसके गठन को लेकर कोई विचार नहीं है।
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर फिटमेंट फैक्टर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
खास बात यह है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होते ही फिटमेंट फैक्टर भी 2.57 से बढ़कर 3.68 हो जाएगा। इससे कर्मचारियों की सैलरी में ₹20,000 से लेकर ₹25,000 तक की बढ़ोतरी संभावित है। फिलहाल फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है और बेसिक सैलरी 18000 रुपये है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी से बढ़ाकर 3.00 या 3.68 फीसदी कर दिया जाता है।
8वें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सैलरी 34,560 रुपये और न्यूनतम पेंशन 17,280 रुपये तय की जा सकती है। इससे पहले केंद्र सरकार ने आखिरी बार 2016 में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया था और इसी साल से 7वां वेतन आयोग भी लागू किया गया। इससे करीब 48.62 लाख कर्मचारियों और 67.85 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा।