Indian Railway Rules: रेलवे बोर्ड ने बड़ा फैसला लेते हुए ट्रेन टिकट की एडवांस बुकिंग अवधि को घटा दिया है. 1 नवंबर 2024 से आप अपनी ट्रेन यात्रा से 60 दिन पहले ही टिकट बुक कर सकेंगे. अभी तक यह अवधि 120 दिन थी. रेलवे बोर्ड ने 16 अक्टूबर 2024 को एक सर्कुलर जारी कर यह घोषणा की. सर्कुलर के मुताबिक 120 दिन की एडवांस रिजर्वेशन अवधि यानी ARP के तहत 31 अक्टूबर तक की गई सभी बुकिंग अपरिवर्तित रहेंगी. रेलवे के इस ताजा कदम से क्या फायदे होंगे और एडवांस रिजर्वेशन अवधि यानी ARP का इतिहास क्या रहा है? आइए यहां जानते हैं.
120 दिनों के स्थान पर 60 दिनों की आरक्षण अवधि का लाभ
1. 120 दिन बहुत ज़्यादा: रेलवे को लगा कि यात्रा की योजना बनाने के लिए 120 दिन बहुत ज़्यादा हैं। इस वजह से, जब यात्री यात्रा नहीं करते थे तो टिकट रद्द होने और सीटों/बर्थ की बर्बादी ज़्यादा होती थी।
2. 21% निरस्तीकरण: वर्तमान में, लगभग 21% निरस्तीकरण हो रहा है। 4-5% यात्री नहीं आते (नो-शो)।
3. यात्रा न करने की समस्या: कई मामलों में देखा गया है कि यात्री अपनी टिकट रद्द नहीं करते और यात्रा पर नहीं आते। इससे धोखाधड़ी होती है – जैसे कि नकली पहचान बनाना, रेलवे कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से पैसे लेना आदि। अब, इसे रोका जा सकता है।
4. टिकट ब्लॉकिंग की समस्या: लंबी अवधि होने पर, कुछ लोगों द्वारा टिकट ब्लॉक करने की संभावना अधिक होती है। छोटी अवधि होने पर वास्तविक यात्रियों को अधिक टिकट मिलने की संभावना होगी।
5. सामान्य टिकटों पर प्रभाव: सामान्य श्रेणी के टिकटों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि वे यात्रा से ठीक पहले खरीदे जाते हैं।
6. विशेष रेलगाड़ियों की योजना: कम रद्दीकरण और अनुपस्थिति के कारण अधिक मांग को देखते हुए, रेलवे पहले से अधिक विशेष रेलगाड़ियों की योजना बना सकता है।
आरक्षण काल का इतिहास क्या रहा है?
रेलवे की अग्रिम आरक्षण अवधि समय-समय पर बदलती रही है। अग्रिम आरक्षण अवधि 30 दिन से लेकर 120 दिन तक होती है। अलग-अलग अवधियों के अनुभव के आधार पर 60 दिन की अग्रिम आरक्षण अवधि को यात्रियों की दृष्टि से सबसे अच्छी अवधि माना गया है।
अवधि | अग्रिम आरक्षण (दिनों में) |
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अप्रैल, 1981 – जनवरी, 1985 | 90 |
1.09.1988 – 30.09.1993 | 45 |
1.09.1995 – 31.01.1998 | 60 |
1.03.2007 – 14.07.2007 | 60 |
1.02.2008 – 9.03.2012 | 120 |
1.05.2013 – 31.03.2015 | 120 |