झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भारत गठबंधन में दरारें दिखने लगी हैं. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे पर नाराजगी जताई है.
गठबंधन के मुख्य घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनने से गठबंधन के साथ-साथ राज्य स्तर पर भी अस्थिरता पैदा हो गई है, जिससे गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं. बैनेन बलों ने जेएमएम को सिर्फ 24 घंटे का समय दिया है और अगर इस अवधि में कोई समझौता नहीं हुआ तो उन्होंने तय कर लिया है कि वे राज्य में कितनी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे. राजद ने 20-21 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी जताई है और 24 घंटे बाद उम्मीदवारों की सूची घोषित करने का अल्टीमेटम दिया है. नाराज सीपीआई ने भी 24 घंटे के अंदर कोई फैसला नहीं लिया तो 15 विधानसभा सीटों से अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर देगी. दोनों पार्टियों के रुख से साफ है कि झारखंड में भारत गठबंधन टूटने के कगार पर है. यदि ये दोनों दल अपने अलग-अलग उम्मीदवार उतारते हैं, तो गठबंधन की चुनावी संभावनाओं को गंभीर नुकसान हो सकता है।