नई दिल्ली: दिवाली से पहले दिल्ली की हवा और पानी देश का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है.. हालांकि, इस समय दिल्ली के हालात भी कुछ ऐसे ही हो गए हैं.. आज दिल्ली की हवा में लोगों को जहर मिल रहा है.. उद्योग और प्रदूषित हो रहा गंदा पानी, खतरे में हैं नदियां जी हां.. वहीं दूसरी ओर इस पर राजनीति हावी है.. प्रदूषित राजधानी में कैसे सांस ले रहे हैं लोग.. देखिए इस रिपोर्ट में..
देश की राजधानी दिल्ली की पहचान अब इस फिल्मी डायलॉग जितनी नहीं है.. इस दिल्ली की पहचान अब बदल गई है। जी हां, जहां भारत के 135 करोड़ नागरिकों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए फैसले होते हैं.. जहां देश की शक्ति बसती है। ये उस दिल्ली का हाल है जहां से पूरे देश की बागडोर संभाली जाती है.
पहली नजर में आपको लगेगा कि ये कोई रूनी फैक्ट्री के दृश्य हैं.. लेकिन नहीं ये कोई रूनी फैक्ट्री के दृश्य नहीं बल्कि प्रदूषित दिल्ली की प्रदूषित यमुना नदी है..
ये दृश्य आपको डरा देंगे..
विशेषज्ञों ने यमुना नदी में इस प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से टूटी सीवर लाइनों और डिटर्जेंट को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रंगाई उद्योगों, धोबी घाटों और घरों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट ने नदी में जहरीला झाग पैदा कर दिया है।
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है..फिलहाल दिल्लीवासियों को इस प्रदूषण से राहत मिलती नहीं दिख रही है. शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया.. AQI की बात करें तो ITI जहांगीरपुर में 467, मुंडका में 445, DIT में 386, न्यू स्वरूप नगर में 372, प्रशांत विहार में 362, IP एक्सटेंशन में 356, इहबास में 353, आनंद विहार में 353, पूठ खुर्द में एक AQI दर्ज किया गया. 352 की रिपोर्ट की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अनुमान जताया है कि शनिवार तक हवा की गुणवत्ता खराब रहेगी.. इसके बाद स्थिति और खराब हो सकती है.. उधर, राजनीति चरम पर है.
विपक्ष के आरोपों और सत्ता पक्ष के दावों के बीच हकीकत ये है कि आज दिल्ली में सांस लेना संभव नहीं है.. इसलिए आदमी पार्टी सरकार ने दिवाली पर पटाखों पर तो बैन लगा दिया है लेकिन क्या ठोस कदम उठाएगी इसका कोई जवाब नहीं है. प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठाए जाएं.